शेयर बाजार में इन 5 कारणों से आई गिरावट, निवेशकों के डूबे सवा ₹3 लाख करोड़

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jul, 2024 03:09 PM

these 5 reasons led to the fall in the stock market

भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को नए रिकॉर्ड उच्च स्तर छूने के बाद गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1 फीसदी से अधिक लुढ़क गए। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इसके चलते महज कुछ घंटों में निवेशकों...

बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को नए रिकॉर्ड उच्च स्तर छूने के बाद गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1 फीसदी से अधिक लुढ़क गए। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इसके चलते महज कुछ घंटों में निवेशकों के करीब 3.26 लाख करोड़ रुपए डूब गए थे। रिलायंस इंडस्ट्रीज, ICICI बैंक, TCS और टाटा मोटर्स सहित कई हैवीवेट शेयर भी दबाव में थे, जिससे सेंसेक्स और नीचे आ गए। सुबह 11.06 बजे, सेंसेक्स 713.33 अंक या 0.89 प्रतिशत गिरकर 79,638.31 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 210.90 अंक या 0.86 प्रतिशत गिरकर 24,222.30 पर कारोबार कर रहा था।

शेयर बाजार में आज मुख्य तौर से इन 5 कारणों से गिरावट आई

मुनाफावसूली का दौर शुरू होना

भारत और अमेरिका के महंगाई आंकड़े आने और जून तिमाही का अर्निंग सीजन शुरू होने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाते हुए मुनाफावसूली की। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आई हालिया तेजी को देखते हुए इस तरह की मुनाफावसूली की उम्मीद की जा रही थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में आज खासतौर से तगड़ी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में आज आई कुल गिरावट का करीब 71 फीसदी योगदान सिर्फ इसी शेयर का था।

F&O सेगमेंट पर सेबी की सख्ती

इसके अलावा फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट के वॉल्यूम ग्रोथ पर लगाम लगाने की SEBI की कोशिशों के चलते भी बाजार में आज चिंता देखी गई। SEBI की वर्किंग कमेटी ने इस सेगमेंट में एंट्री को मुश्किल बनाने के लिए डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के लॉट साइज को मौजूदा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 20-30 लाख रुपए करने की सिफारिश की है। साथ ही वीकली ऑप्शंस की ट्रेडिंग को प्रति एक्सचेंज प्रति सप्ताह एक एक्सपायरी तक सीमित करने का प्रस्ताव रखा गया है।

ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक इस साल ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं, इसे लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने जोर देकर कहा कि जब तक इस बात का अधिक भरोसा नहीं हो जाता कि महंगाई दर 2 प्रतिशत की ओर जा रही है, तब तक दरों में कटौती करना सही नहीं होगा।

बैंकिंग शेयरों पर दबाव

बैंकिंग शेयर भी आज कारोबार के दौरान दबाव में थे, जिसने गिरावट में योगदान दिया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक दिन पहले कई बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर्स और ऑडिटर्स के साथ एक बैठक की थी। बैठक में कुछ बैंकों के ‘लाखों’ खातों पर चिंता जताई गई थी, जिनका इस्तेमाल फ्रॉड वाले लेनदेन और लोन के एवरग्रीनिंग के लिए किया गया था।

ग्लोबल बाजारों से मिलेजुले संकेत

जेरोम पॉवेल के बयान के बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट बढ़त के साथ खुले। हालांकि एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। टोक्यो का निक्केई 225 इंडेक्स दिन के कारोबार में नए उच्च स्तर पर पहुंच गया, लेकिन दोपहर तक यह 0.1% गिरकर 41,536.10 पर आ गया। वहीं हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.4% बढ़कर 17,587.16 पर पहुंच गया, जबकि शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.3% गिरकर 2,949.60 पर आ गया। 

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