'हैलो इंडिया बाय चाइना' को बढ़ावा...इस फेस्टिव सीजन 4.25 लाख करोड़ का होगा कारोबार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Oct, 2024 03:24 PM

this festive season will have a turnover of 4 25 lakh crores

देश में फेस्टिव सीजन का आगाज हो चुका है और भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली के साथ-साथ अन्य त्योहारों की खरीदारी के लिए बाजार पूरी तरह तैयार है। इस बार त्योहारों के सीजन में कुल 4.25 लाख करोड़ रुपए के व्यापार की संभावना जताई जा रही है। खास बात यह है...

बिजनेस डेस्कः देश में फेस्टिव सीजन का आगाज हो चुका है और भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली के साथ-साथ अन्य त्योहारों की खरीदारी के लिए बाजार पूरी तरह तैयार है। इस बार त्योहारों के सीजन में कुल 4.25 लाख करोड़ रुपए के व्यापार की संभावना जताई जा रही है। खास बात यह है कि इस वर्ष 'हैलो इंडिया बाय चाइना' को बढ़ावा मिल रहा है। देश में इस बार चाइनीज प्रोडक्ट्स का बहिष्कार होगा और स्वदेशी या लोकल प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ेगी।

बाजार की तैयारियों का सर्वेक्षण

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा देश के 70 शहरों में किए गए हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, व्यापारियों ने ग्राहकों की मांग और पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल त्योहारों के सीजन का व्यापार 3.5 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 4.25 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। दिल्ली में अकेले इस व्यापार का आंकड़ा 75,000 करोड़ रुपए से अधिक रहने की उम्मीद है।

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व्यापार में प्रमुख क्षेत्रों की भूमिका

इस त्योहारी सीजन में विशेष रूप से गिफ्ट आइटम्स, मिठाई, ड्राई फ्रूट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, आभूषण, फर्नीचर, कास्मेटिक्स और पूजा सामग्री जैसी वस्तुओं की बिक्री में तेजी देखने को मिल रही है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस सीजन में लगभग 70 करोड़ ग्राहक बाजार में खरीदारी के लिए आएंगे।

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खर्च का अनुमान

4.25 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित व्यापार में खाद्य और किराना में 13%, ज्वेलरी में 9%, वस्त्र और गारमेंट में 12%, ड्राई फ्रूट और मिठाई में 4%, इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल में 8% और अन्य सामानों पर भी खर्च की उम्मीद है। इसके अलावा, पैकिंग क्षेत्र को भी इस त्योहारी सीजन में अच्छा व्यापार मिलने की संभावना है।

स्वदेशी उत्पादों का बढ़ता महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों के कारण चीनी उत्पादों की मांग में कमी आई है। इस वर्ष त्योहारों के सीजन में चाइनीज सामान की बाजार में गैर-मौजूदगी से यह साफ है कि उपभोक्ता अब स्थानीय उत्पादों की ओर अधिक रुख कर रहे हैं। इस बार, व्यापारी चीनी सामान का आयात नहीं कर रहे हैं, जिससे स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन मिल रहा है।  

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