Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2025 10:44 AM

घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांच दिनों से जारी तेजी के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 22.12 लाख करोड़ रुपए की जोरदार बढ़त दर्ज की गई है। शुक्रवार को बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 557.45 अंक यानी 0.73 प्रतिशत उछलकर...
बिजनेस डेस्कः घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांच दिनों से जारी तेजी के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 22.12 लाख करोड़ रुपए की जोरदार बढ़त दर्ज की गई है। शुक्रवार को बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 557.45 अंक यानी 0.73 प्रतिशत उछलकर 76,905.51 अंक पर बंद हुआ। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2.05 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक में 1.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह सेंसेक्स में तेजी का लगातार पांचवां दिन रहा। इन पांच सत्रों में सेंसेक्स में चार प्रतिशत से अधिक उछाल दर्ज की गई है। तेजी के इस दौर में बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 22,12,191.12 करोड़ रुपए बढ़कर 4,13,30,624.05 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
2025 में पहली बार बाजार लगातार 5 सेशन बढ़त के साथ बंद होने में कामयाब रहा। करीब 2 महीने बाद निफ्टी इंट्राडे में 23,400 के पार जाने में कामयाब रहा।
बाजार में तेजी के मुख्य कारण
रुपए में मजबूती: 21 मार्च को रुपया 14 पैसे मजबूत होकर 86.23 पर खुला। विदेशी निवेश और REER में गिरावट से समर्थन मिला। यह दो महीने का उच्च स्तर है और दो साल में सबसे अच्छी साप्ताहिक बढ़त है। डॉलर के मुकाबले रुपए में इस हफ्ते 1% की तेजी रही और यह लगातार आठवें सत्र में मजबूत हुआ।
FPI की खरीदारी: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने शेयर बाजार में वापसी की है। पिछले चार सत्रों में से दो में उन्होंने 3,239 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3,136 करोड़ रुपए की बिकवाली की। जियोजित के वी.के. विजयकुमार के अनुसार, "FPI की खरीदारी से निफ्टी में 3.5% की बढ़त आई।"
आकर्षक वैल्यूएशन: पिछले पांच सत्रों में बड़े शेयरों के सस्ते दामों ने निवेशकों को आकर्षित किया। कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान के अनुसार, "यह राहत रैली 23,300-23,500 तक पहुंच सकती है।"
आर्थिक विकास में तेजी: फरवरी में खुदरा महंगाई सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर आ गई। जनवरी में औद्योगिक उत्पादन 5% बढ़ा। फिच रेटिंग्स ने अगले वर्ष के लिए 6.5% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस साल दो बार दर कटौती का संकेत दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अप्रैल में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है, क्योंकि महंगाई दर 4-6% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है।