Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Oct, 2024 11:49 AM
अक्टूबर का अंतिम सप्ताह शुरू हो चुका है और सर्दी का मौसम दस्तक दे रहा है। इस मौसम में चाय की खपत में इजाफा होता है लेकिन अब चाय की चुस्की के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। देश की प्रमुख चाय कंपनियों में से एक टाटा टी (Tata Tea) कीमतों...
बिजनेस डेस्कः अक्टूबर का अंतिम सप्ताह शुरू हो चुका है और सर्दी का मौसम दस्तक दे रहा है। इस मौसम में चाय की खपत में इजाफा होता है लेकिन अब चाय की चुस्की के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। देश की प्रमुख चाय कंपनियों में से एक टाटा टी (Tata Tea) कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही है। टाटा टी भारत की सबसे अधिक बिकने वाली चाय ब्रांडों में से एक है और यह देश की पुरानी चाय कंपनियों में भी शामिल है। आइए जानते हैं टाटा टी की योजना के बारे में।
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Tata Tea कीमतों में करेगी बढ़ोतरी
टाटा टी अपने ब्रांड पोर्टफोलियो में अगले कुछ महीनों में कीमतों में वृद्धि करने का विचार बना रही है। कंपनी का उद्देश्य अपने लाभ मार्जिन को बढ़ाना है, जो हालिया कच्चे माल की लागत में वृद्धि के कारण प्रभावित हुआ है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के CEO और प्रबंध निदेशक सुनील ए डिसूजा के अनुसार, कंपनी को कुल मात्रा में वृद्धि की उम्मीद है, हालांकि शहरी बाढ़, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुस्ती और विकास में सामान्य मंदी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में राजस्व में 11 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद, मुनाफा केवल 1 प्रतिशत बढ़ा है। डिसूजा ने कहा कि इस साल चाय की कीमतों में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसका कारण आपूर्ति में व्यवधान है।
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Tata Tea की बाजार हिस्सेदारी
टाटा टी भारत के चाय खुदरा बाजार में लगभग 28 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती है और इसकी प्रतिस्पर्धा हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों से है। डिसूजा ने चाय की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा कि कुल चाय उत्पादन में 20 प्रतिशत की कमी आई है और निर्यात में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, चाय बोर्ड ने सामान्यतः दिसंबर के मध्य में चाय की पत्तियों को तोड़ने का काम बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे आपूर्ति पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।