Tirupati laddu row: तिरुपति मंदिर में सिर्फ लड्डुओं की बिक्री से होती है 500 करोड़ की कमाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Sep, 2024 05:26 PM

tirupati temple earns 500 crores just selling laddus

आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर (Tirupati temple) इन दिनों एक अजीब से विवाद का केंद्र बना हुआ है। चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आई नई सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रैड्डी पर आरोप लगाया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में प्रसाद के रूप में...

बिजनेस डेस्कः आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर (Tirupati temple) इन दिनों एक अजीब से विवाद का केंद्र बना हुआ है। चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आई नई सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रैड्डी पर आरोप लगाया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में जिस घी का इस्तेमाल किया गया, वह मिलावटी था। इसमें तथाकथित रूप से जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया जा रहा था। इसके बाद पुराने सप्लायर को हटाकर नए को मौका दे दिया गया है।

अब यहां जो सबसे बड़ा सवाल उठता है वह यह कि देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाने वाला तिरुपति मंदिर हर साल सिर्फ लड्डू प्रसाद से ही करीब 500 करोड़ रुपए की कमाई करता है। ऐसे में उसे ऐसी क्या दिक्कत थी, जो वह मात्र 320 रुपए प्रति kg की दर से तमिलनाडु के AR Dairy फूड्स से गाय का घी खरीद रहा था। अब मंदिर में घी सप्लाई का ठेका कर्नाटक मिल्क फैडरेशन को दिया गया है, जो 475 रुपए प्रति kg के हिसाब से घी दे रहा है।

अमूल ने कहा- हमने कभी घी सप्लाई नहीं किया

इस बीच अमूल इंडिया (Amul India) ने कहा है कि उनकी तरफ से कभी भी घी तिरुपति मंदिर को सप्लाई नहीं किया गया। अमूल इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं, जिसमें कहा गया है कि तिरुपति मंदिर में हमारी ओर से घी जाता था।

कंपनी ने कहा कि ये सभी रिपोर्ट अफवाह हैं। हमारा घी कड़े परीक्षणों के बाद बनता है। इसमें मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं है। अमूल घी को बनाने के लिए हमारे पास आई.एस.ओ. सर्टिफाइड प्रोडक्शन प्लांट है। घी को बनाने में इस्तेमाल हो रहा दूध भी हमारे कलैक्शन सैंटर में आता है। यहां पर दूध की गुणवत्ता का भी परीक्षण किया जाता है। हम FSSAI के सभी मानकों का पालन करते हुए अपने सारे प्रोडक्ट बनाते हैं।

500kg घी से रोज बनता है लड्डू प्रसाद

तिरुपति मंदिर में रोजाना करीब 3 लाख लड्डू बनाने के लिए लगभग एक टन बेसन, 10 टन चीनी, 700 किलो काजू, 500 किलो मिश्री और करीब 500 किलो घी का उपयोग किया जाता है। हर लड्डू का वजन 175 ग्राम होता है। इन्हें फूड टैस्टिंग लैब से होकर भी गुजरना पड़ता है। इसका इतिहास करीब 300 साल पुराना है। 

साल 1984 तक रसोई में प्रसाद बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल होता था। अब गैस चूल्हे पर इसे बनाया जाता है। लड्डू को साल 2009 में जी.आई. टैग भी प्राप्त हुआ है। इसे बनाने की प्रक्रिया को दित्तम कहा जाता है।
 

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