तिरुपुर कपड़ा उद्योग का संकट, नहीं लौट रहे वोट देने गए मजदूर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jun, 2024 06:24 PM

tirupur textile industry in crisis workers who went to vote are not returning

अपने कपड़ा उद्योग के लिए फेमस तमिलनाडु का तिरुपुर इन दिनों संकटों से जूझ रहा है। यह संकट पैदा हुआ है हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के कारण। खबरों की मानें तो तिरुपुर कपड़ा उद्योग अभी श्रमिकों की कमी की समस्या का सामना कर रहा है।

बिजनेस डेस्कः अपने कपड़ा उद्योग के लिए फेमस तमिलनाडु का तिरुपुर इन दिनों संकटों से जूझ रहा है। यह संकट पैदा हुआ है हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के कारण। खबरों की मानें तो तिरुपुर कपड़ा उद्योग अभी श्रमिकों की कमी की समस्या का सामना कर रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, तिरुपुर के कपड़ा उद्योग में काम करने वाले ज्यादातर कामगार हालिया चुनावों में वोट डालने के लिए अपन गांव गए। उसके बाद समस्या ये आई है कि वोट डालने अपने गांव गए मजदूर अब वापस नहीं लौट रहे हैं। इससे उद्योग जगत की परेशानियां बढ़ गई हैं। सबसे खराब बात ये है कि श्रमिकों की कमी का संकट ऐसे समय सामने आया है, जब डिमांड में सुधार के संकेत दिख रहे थे।

डिमांड सुधरने के मिलने लगे संकेत

तिरुपुर कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि अमेरिका में डिमांड में सुधार हो रहा है और उसके चलते निर्यात के अच्छे ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। हालांकि अब श्रमिकों की कमी से दिक्कतें आ सकती हैं।

लगभग डेढ़ लाख श्रमिक करते हैं काम

रिपोर्ट के अनुसार, तिरुपुर के कपड़ा उद्योग में काम करने वाले ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के हैं। छोटे-बड़े कपड़ा मिलों में एक लाख से डेढ़ लाख लोग काम करते हैं। वे मजबूर लोकसभा चुनाव के दौरान वोट देने के लिए गए लेकिन अब लौटकर नहीं आना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी स्थानीय सरकारें विकास कार्य तेज करेंगी, जिससे उन्हें काम के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी।

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