खिलौना उद्योग को निर्यात बढ़ाने, चीन से आयात कम करने में सरकार से मिली मदद: समीक्षा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jul, 2024 06:27 PM

toy industry got help from the government to increase exports

घरेलू खिलौना कंपनियों को निर्यात बढ़ाने और चीनी आयात पर निर्भरता कम करने में सरकार के अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड और सीमा शुल्क में वृद्धि जैसे कदमों से काफी मदद मिली है। संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में कहा गया है कि खिलौना निर्यातक...

नई दिल्लीः घरेलू खिलौना कंपनियों को निर्यात बढ़ाने और चीनी आयात पर निर्भरता कम करने में सरकार के अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड और सीमा शुल्क में वृद्धि जैसे कदमों से काफी मदद मिली है। संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में कहा गया है कि खिलौना निर्यातक देश के रूप में भारत का उदय हो चुका है और इसका श्रेय वैश्विक मूल्य श्रृंखला में इसके एकीकरण और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया जैसे महत्वपूर्ण देशों में घरेलू स्तर पर निर्मित खिलौनों के लिए शून्य शुल्क बाजार पर पहुंच को भी जाता है। उद्योग को वैश्विक व्यापार परिदृश्य में लंबे अरसे से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, तथा यह कई वर्षों से खिलौनों का शुद्ध आयातक बना हुआ है। 

समीक्षा में कहा गया, “बढ़ते निर्यात और घटते आयात ने खिलौनों के व्यापार में भारत को घाटे से अधिशेष वाले देश में बदल दिया है।” एक दशक से अधिक समय से भारत अपने खिलौना आयात के लगभग 76 प्रतिशत के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर था। समीक्षा कहती है, “चीन से खिलौनों के लिए भारत का आयात बिल वित्त वर्ष 2012-13 में 21.4 करोड़ डॉलर से घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में 4.16 करोड़ डॉलर रह गया। इससे भारत के खिलौना आयात में चीन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2012-13 के 94 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 64 प्रतिशत रह गई, जो अंतरराष्ट्रीय खिलौना बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता को दर्शाता है।” 

साल 2014 से 2020 की अवधि के दौरान सरकार के प्रयासों से खिलौना विनिर्माण इकाइयों की संख्या भी दोगुनी हो गई। खिलौना उद्योग के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें 21 विशिष्ट कार्य बिंदुओं के साथ खिलौनों के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय कार्ययोजना तैयार करना, खिलौनों पर मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, घटिया आयात पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक आयात खेप का नमूना परीक्षण, खिलौनों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करना और क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से समर्थन शामिल है। सरकार घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर विचार कर रही है। 

टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और नोएडा स्थित लिटिल जीनियस टॉयज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नरेश कुमार गौतम ने कहा कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र से देश का निर्यात और बढ़ेगा। स्मार्टफोन पर समीक्षा में कहा गया है कि भारत का घरेलू उत्पादन और स्मार्टफोन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है, जिसमें महत्वपूर्ण बदलाव खासकर 2020 में पीएलआई योजना की शुरुआत के बाद से हुए हैं। भारत 2022 में दुनिया का छठा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक भी बन गया, जो 2014 में 23वें स्थान पर था। वित्त वर्ष 2023-24 में ये निर्यात 42 प्रतिशत बढ़कर 15.6 अरब डॉलर हो गया।  

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