Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Sep, 2024 04:10 PM
दूरसंचार नियामक ट्राई ने स्पैम को लेकर टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ अपना रुख और सख्त कर लिया है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि स्पैम से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने की रिकवरी के लिए टेलीकॉम कंपनियों की बैंक गारंटियों...
बिजनेस डेस्कः दूरसंचार नियामक ट्राई ने स्पैम को लेकर टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ अपना रुख और सख्त कर लिया है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को सुझाव दिया है कि स्पैम से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने की रिकवरी के लिए टेलीकॉम कंपनियों की बैंक गारंटियों को इनकैश किया जाए।
अनपेक्षित सख्ती
एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्राई की यह सख्ती अप्रत्याशित मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि स्पैम को लेकर ट्राई का यह सख्त रुख पहले किसी ने उम्मीद नहीं की थी।
बकाया राशि
स्पैम नियमों से संबंधित लगभग 115 करोड़ रुपए की रिकवरी की जानी है। सरकारी कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल पर सबसे अधिक बकाया है, जिनके ऊपर 8-10 साल में 50 करोड़ रुपए का डिफॉल्ट है। इसके बाद भारती एयरटेल पर 20 करोड़ रुपए, वोडाफोन आइडिया पर 15 करोड़ रुपए और रिलायंस जियो पर 12 करोड़ रुपए की रिकवरी बन रही है। निजी कंपनियों पर बकाया की अवधि 10 महीने से 3 साल तक है।
बार-बार के रिमाइंडर
ट्राई ने सभी कंपनियों को कई बार रिमाइंडर भेजे और जुर्माना भरने की याद दिलाई। जुर्माना न भरने पर ट्राई ने बैंक गारंटियों को इनकैश करने का निर्णय लिया है। हालांकि, ट्राई के पास कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की ताकत है लेकिन अब तक ऐसे सख्त कदम उठाए नहीं गए हैं।
डेडलाइन का विस्तार
हाल ही में ट्राई ने स्पैम पर सख्ती बढ़ाई है और कंपनियों को नई डेडलाइन दी थी। पहले कंपनियों को अगस्त तक का समय दिया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दिया गया है। इसके लिए ब्लॉकचेन बेस्ड नई व्यवस्था अपनाई गई है जो स्पैम एसएमएस पर रोक लगाने में मदद करेगी।