Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2025 02:56 PM
आमतौर पर जनवरी से मार्च की तिमाही, जो कि बोर्ड परीक्षा के बढ़े हुए कैलेंडर के कारण थोड़ी सुस्त मानी जाती है, इस साल एक अलग ही तस्वीर पेश कर रही है। महाकुंभ और एक असामान्य रूप से लंबे शादी के सीजन ने इस तिमाही को भी पर्यटन उद्योग, होटल व्यवसाय और...
नई दिल्ली: आमतौर पर जनवरी से मार्च की तिमाही, जो कि बोर्ड परीक्षा के बढ़े हुए कैलेंडर के कारण थोड़ी सुस्त मानी जाती है, इस साल एक अलग ही तस्वीर पेश कर रही है। महाकुंभ और एक असामान्य रूप से लंबे शादी के सीजन ने इस तिमाही को भी पर्यटन उद्योग, होटल व्यवसाय और एयरलाइंस के लिए बेहद व्यस्त बना दिया है।
हवाई यात्रा के रिकॉर्ड आंकड़े
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय एयरलाइंस ने फरवरी में घरेलू उड़ानों में 1.4 करोड़ यात्रियों को सफर कराया, जो दिसंबर के त्योहारों वाले महीने से मात्र 6% कम है।
ITQ टेक्नोलॉजीज के कार्यकारी निदेशक अनिल पाराशर ने कहा, "फरवरी इस बार काफी मजबूत रहा। हर दिन 5 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाई यात्रा की, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। महाकुंभ इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण रहा।" उन्होंने आगे बताया कि मार्च में किराए और बुकिंग पर कुछ दबाव दिख रहा है लेकिन फिर भी यह पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर रहेगा।
महाकुंभ से हवाई यात्रा में बड़ा उछाल
लगभग छह सप्ताह तक चलने वाला महाकुंभ मेला जनवरी के मध्य में शुरू होकर फरवरी के अंत तक चला। आमतौर पर, दिसंबर के त्योहारों के बाद हवाई यात्रा की मांग में गिरावट आती है, लेकिन इस साल हवाई यातायात काफी मजबूत रहा, जिससे एयरलाइंस को भी अच्छा मुनाफा हुआ।
एयरलाइन अधिकारियों ने बताया कि कुछ मार्गों पर उड़ानें 100% क्षमता पर संचालित हो रही हैं, जिससे "डिमांड स्पिलेज" यानी सीटों की कमी के कारण अतिरिक्त मांग पूरी नहीं हो पा रही है।
प्रयागराज हवाई अड्डे पर यातायात में भारी वृद्धि देखी गई, जहां हर दिन 100 से अधिक उड़ानों का संचालन हुआ। इसके अलावा, लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या और यहां तक कि दिल्ली के हवाई अड्डों पर भी जबरदस्त भीड़ देखी गई।