Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Dec, 2024 04:58 PM
भारत में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में जनवरी से नवंबर तक SIP में कुल शुद्ध प्रवाह 9.14 लाख करोड़ रुपए रहा। यह 2023 के 2.74 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 233% की...
बिजनेस डेस्कः भारत में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में जनवरी से नवंबर तक SIP में कुल शुद्ध प्रवाह 9.14 लाख करोड़ रुपए रहा। यह 2023 के 2.74 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 233% की बढ़ोतरी को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और कठिन भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच इसकी लचीलापन बनाए रखने का संकेत है। SIP निवेश में यह तेजी निवेशकों के भरोसे को भी दर्शाती है।
नवंबर के अंत में नए SIP की संख्या
नवंबर के अंत में रजिस्टर्ड नए एसआईपी की संख्या बढ़कर 49.47 लाख हो गई, जबकि नवंबर 2023 में यह 30.80 लाख थी। रिपोर्ट के अनुसार, एसआईपी एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) नवंबर में 13.54 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि 2023 में यह 9.31 लाख करोड़ रुपए था। भारतीय म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री ने पिछले एक साल में शुद्ध प्रवाह में 135 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि और शुद्ध एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि देखी।
आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का म्यूचुअल फंड उद्योग जबरदस्त विकास के दौर में है और आने वाले वर्षों में इसके कई गुना बढ़ने की संभावना है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक विकास गाथा और वैश्विक मंच पर इसकी मजबूत स्थिति को देखते हुए, म्यूचुअल फंड उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि जारी रहेगी।"
नवंबर 2024 में म्यूचुअल फंड्स का प्रदर्शन
नवंबर 2024 में म्यूचुअल फंड उद्योग का कुल प्रवाह 135.38% बढ़कर ₹60,295.30 करोड़ हो गया, जो पिछले साल नवंबर में ₹25,615.65 करोड़ था। शुद्ध एयूएम (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) ने भी नया कीर्तिमान स्थापित किया, जो ₹49.05 लाख करोड़ से बढ़कर ₹68.08 लाख करोड़ पर पहुंच गया।
इक्विटी फंड्स में लार्ज-कैप का जलवा
इक्विटी कैटेगरी में लार्ज-कैप फंड का प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट रहा। नवंबर 2024 में इसका प्रवाह लगभग 731% बढ़कर ₹2,547.92 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह ₹306.70 करोड़ था।
निवेशकों की रुचि का रुझान
विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती वैश्विक अस्थिरता और भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच लार्ज-कैप और मिड-कैप फंड्स निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहेंगे। साथ ही स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स के एयूएम में लगातार हो रही वृद्धि यह संकेत देती है कि मध्यम से दीर्घकालिक अवधि में निवेशकों की रुचि इन फंड्स में बनी रहेगी।