Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Nov, 2024 05:40 PM
म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) को लॉन्ग टर्म निवेश (Long Term Investment) के लिए एक प्रभावी टूल माना जाता है, जो निवेशकों को शेयर बाजार के आकर्षक रिटर्न के साथ-साथ कंपाउंडिंग के लाभ भी देता है। म्यूचुअल फंड्स में जितना लंबा समय आप निवेश करते हैं, आपका...
बिजनेस डेस्कः म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) को लॉन्ग टर्म निवेश (Long Term Investment) के लिए एक प्रभावी टूल माना जाता है, जो निवेशकों को शेयर बाजार के आकर्षक रिटर्न के साथ-साथ कंपाउंडिंग के लाभ भी देता है। म्यूचुअल फंड्स में जितना लंबा समय आप निवेश करते हैं, आपका मुनाफा भी उतना ही अधिक बढ़ता है। हालांकि कुछ स्कीम्स ऐसी हैं, जिन्होंने महज एक साल में निवेशकों को शानदार रिटर्न देकर उन्हें मालामाल बना दिया है। आज हम आपको एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बताएंगे, जिसने केवल एक साल में अपने निवेशकों को 79.73 प्रतिशत का जबरदस्त रिटर्न दिया है।
HDFC Defence Fund
एचडीएफसी डिफेंस फंड (HDFC Defence Fund) के डायरेक्ट प्लान ने पिछले एक साल में 79.73 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है। इस तरह से इस स्कीम ने एक साल पहले लगाए गए 10 लाख रुपए की एकमुश्त निवेश को आज 17.97 लाख रुपए बना दिया है। वर्तमान में एचडीएफसी डिफेंस फंड का एनएवी 21.33 रुपए है और इसका कुल फंड साइज 3996.82 करोड़ रुपए है। यह फंड मुख्य रूप से रक्षा क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों में निवेश करता है।
डिफेंस सेक्टर की 21 कंपनियों में लगा है फंड का पैसा
एचडीएफसी डिफेंस फंड में निवेश किया जाने वाला पैसा फिलहाल डिफेंस सेक्टर की कुल 21 कंपनियों के स्टॉक्स में लगाया जा रहा है। इनमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड, सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया, साएंट डीएलएम, बीईएमएल, टार्सन एंड टुब्रो, इंटरग्लोब एविएशन जैसी कुल 21 कंपनियां शामिल हैं। अभी इस फंड का सबसे ज्यादा 19.50 प्रतिशत पैसा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में लगा हुआ है।
टैक्स के क्या हैं नियम
एचडीएफसी डिफेंस फंड में अगर पैसा लगाकर 1 साल के अंदर निकाले जाएं तो आपको 1 प्रतिशत का एक्जिट लोड चुकाना होगा। इसके अलावा, 1 साल के अंदर मुनाफा कमाकर बाहर निकलने पर आपको 20 प्रतिशत का कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा। अगर आप एक साल के बाद पैसा निकाल रहे हैं और आपका रिटर्न 1.25 लाख रुपए से ज्यादा है तो आपको 12.5 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।