Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Apr, 2025 03:07 PM
डोनाल्ड ट्रंप की 'रेसिप्रोकल टैरिफ' नीति का असर भारत पर कहीं ज़्यादा गंभीर हो सकता है, जितना विशेषज्ञ और एजेंसियां अब तक मान रही थीं। दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की 26% टैरिफ नीति...
बिजनेस डेस्कः डोनाल्ड ट्रंप की 'रेसिप्रोकल टैरिफ' नीति का असर भारत पर कहीं ज़्यादा गंभीर हो सकता है, जितना विशेषज्ञ और एजेंसियां अब तक मान रही थीं। दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की 26% टैरिफ नीति से भारत का निर्यात 5.76 अरब डॉलर (करीब 50,000 करोड़ रुपए) तक घट सकता है। इसका सबसे गहरा प्रभाव छोटे और मझोले उद्योगों (MSMEs) पर पड़ने की आशंका है।
किन सेक्टर्स पर सबसे ज़्यादा असर?
समुद्री उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोना और इलेक्ट्रिकल गुड्स जैसे क्षेत्रों से अमेरिकी बाजार को निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है। मसलन:
- मछलियों और झींगा: 20.2% गिरावट
- स्टील और लोहे के उत्पाद: 18%
- हीरे और आभूषण: 15.3%
- इलेक्ट्रॉनिक और टेलीकॉम उत्पाद: 12%
- ऑटोमोबाइल्स व पार्ट्स: 12.1%
कहां मिल सकता है मामूली लाभ?
हालांकि, कुछ क्षेत्रों जैसे कि कपड़ा, सिरेमिक, इनऑर्गेनिक केमिकल्स और फार्मास्यूटिकल्स में मामूली लाभ की उम्मीद जताई गई है, क्योंकि इनकी कीमतें प्रतिस्पर्धी बनी रह सकती हैं।
छूट वाले सेक्टर भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं
ऊर्जा, फार्मा, सोलर पैनल और कॉपर जैसे उत्पादों को भले ही टैरिफ से आंशिक छूट दी गई है लेकिन उन पर अब भी MFN टैरिफ (Most Favored Nation) लागू है। 2024 में इनका अमेरिका को कुल निर्यात 20.4 अरब डॉलर था यानी कुल व्यापार का 22.7% हिस्सा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन को भी झटका
भारत से अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन का निर्यात 14.4 अरब डॉलर पहुंच चुका है। GTRI का अनुमान है कि बढ़े हुए टैरिफ के चलते इसमें 12% यानी लगभग 1.78 अरब डॉलर की गिरावट हो सकती है।
कुल 67 अरब डॉलर के सामान पर पड़ेगा असर
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, जिन उत्पादों पर नया 26% टैरिफ लागू होगा, उनका कुल मूल्य 67.2 अरब डॉलर है- यानी भारत के अमेरिका को कुल निर्यात का लगभग 75% हिस्सा। यह भारत की निर्यात रणनीति के लिए एक गंभीर झटका साबित हो सकता है।