Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Mar, 2025 12:47 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा इस सप्ताह नए टैरिफ लागू करने की योजना के चलते एशिया-प्रशांत बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। नई टैरिफ घोषणाओं की उम्मीद से निवेशक घबराए हुए हैं। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 4% से अधिक गिरकर बंद हुआ। जबकि...
बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा इस सप्ताह नए टैरिफ लागू करने की योजना के चलते एशिया-प्रशांत बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। नई टैरिफ घोषणाओं की उम्मीद से निवेशक घबराए हुए हैं। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 4% से अधिक गिरकर बंद हुआ। जबकि दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन के बाजारों में भी तेज बिकवाली हुई।
जापान और दक्षिण कोरिया के बाजारों में भारी गिरावट
- जापान का निक्केई 225 4.22% गिरकर 35,617.56 पर बंद हुआ, जो दिसंबर के उच्चतम स्तर से लगभग 12% की गिरावट दिखाता है।
- टॉपिक्स इंडेक्स भी 3.57% गिरकर 2,658.73 पर बंद हुआ।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 3% गिरकर 2,481.12 पर पहुंचा, जबकि Kosdaq 3.01% फिसलकर 672.85 पर बंद हुआ।
ऑस्ट्रेलिया और चीन के बाजारों में भी गिरावट
ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स सोमवार को 1.54% गिरकर 7,859.30 पर बंद हुआ। यह गिरावट रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (RBA) की मंगलवार को होने वाली नीति बैठक से पहले देखी गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीए इस बार ब्याज दरों को 4.1% पर स्थिर रख सकता है, क्योंकि देश 3 मई को होने वाले आम चुनावों की तैयारी कर रहा है।
- चीन का CSI 300 इंडेक्स 0.67% नीचे रहा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.21% गिर गया।
- चीन का मार्च मैन्युफैक्चरिंग PMI 50.5 दर्ज किया गया, जो पिछले महीने के 50.2 से थोड़ा बेहतर है।
- भारतीय बाजार सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद रहे।
अमेरिकी बाजारों में भी बड़ी गिरावट
- डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.69% गिरकर 41,583.90 पर बंद हुआ।
- S&P 500 1.97% गिरकर 5,580.94 पर पहुंचा, जो पिछले छह हफ्तों में पांचवीं बार साप्ताहिक गिरावट दिखा रहा है।
- नैस्डैक कंपोजिट 2.7% गिरकर 17,322.99 पर बंद हुआ।
- गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयर 4.9% गिरे, जबकि मेटा और अमेज़न के शेयरों में 4.3% की गिरावट दर्ज हुई।
क्या है गिरावट की मुख्य वजह?
- ट्रम्प की नई टैरिफ योजनाओं को लेकर अनिश्चितता।
- अमेरिका में महंगाई को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण।
- तकनीकी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली।