Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Apr, 2025 10:25 AM
कैलेंडर वर्ष 2024 में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में बेरोजगारी दर वर्ष 2023 के पांच प्रतिशत से घटकर 4.9 प्रतिशत पर आ गई। बुधवार को जारी आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में यह जानकारी दी गई। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय...
बिजनेस डेस्कः कैलेंडर वर्ष 2024 में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में बेरोजगारी दर वर्ष 2023 के पांच प्रतिशत से घटकर 4.9 प्रतिशत पर आ गई। बुधवार को जारी आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में यह जानकारी दी गई। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बयान में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र बेरोजगारी में मामूली गिरावट (4.3 प्रतिशत से घटकर 4.2 प्रतिशत) आई है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए मामूली नरमी है। शहरी क्षेत्र में पुरुष बेरोजगारी 6.0 प्रतिशत से बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई लेकिन महिला बेरोजगारी 8.9 प्रतिशत से घटकर 8.2 प्रतिशत रह गई। इससे समग्र शहरी बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत पर स्थिर रही।
अखिल भारतीय स्तर पर कैलेंडर वर्ष 2024 में बेरोजगारी दर मामूली गिरावट के साथ 4.9 प्रतिशत रही जबकि वर्ष 2023 में यह 5.0 प्रतिशत थी। यह रोजगार के अवसरों में मामूली सुधार को दर्शाता है। बयान में कहा गया है कि घरेलू कंपनियों में अवैतनिक सहायकों की संख्या में कमी आने से ग्रामीण महिलाओं के बीच डब्ल्यूपीआर (श्रमिक जनसंख्या अनुपात) के साथ एलएफपीआर (श्रम बल भागीदारी अनुपात) में भी गिरावट आई है। ‘घरेलू उद्यमों में सहायकों' का प्रतिशत 2023 के 19.9 प्रतिशत से घटकर 2024 में 18.1 प्रतिशत रह गया।
सभी श्रेणियों में विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में समग्र डब्ल्यूपीआर (47.0 प्रतिशत से बढ़कर 47.6 प्रतिशत) में मामूली सुधार देखा गया, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर समग्र डब्ल्यूपीआर अपेक्षाकृत अपरिवर्तित (53.4 प्रतिशत से बढ़कर 53.5 प्रतिशत) रहा। शहरी क्षेत्रों में पुरुषों के लिए एलएफपीआर में वृद्धि (2023 में 74.3 प्रतिशत से 2024 में 75.6 प्रतिशत) हुएई और महिलाओं के लिए थोड़ी वृद्धि (25.5 प्रतिशत से 25.8 प्रतिशत) हुई, जिससे एलएफपीआर में समग्र वृद्धि (50.3 प्रतिशत से 51.0 प्रतिशत) हुई। एलएफपीआर का मतलब जनसंख्या के उस प्रतिशत से है जो या तो कार्यरत है या रोजगार की तलाश में है। बयान के मुताबिक, विभिन्न श्रेणियों में मामूली भिन्नताओं के बावजूद समग्र एलएफपीआर 56.2 प्रतिशत पर स्थिर रहा।