Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2024 10:23 AM
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बढ़ते इस्तेमाल के साथ डिजिटल पेमेंट्स में नई चुनौतियां और अवसर सामने आ रहे हैं। लोकल सर्कल्स के एक सर्वे के मुताबिक लगभग 38% लोग अब अपनी 50% से ज्यादा पेमेंट UPI के जरिए कर रहे हैं। हालांकि UPI ट्रांजेक्शन पर फीस...
बिजनेस डेस्कः यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बढ़ते इस्तेमाल के साथ डिजिटल पेमेंट्स में नई चुनौतियां और अवसर सामने आ रहे हैं। लोकल सर्कल्स के एक सर्वे के मुताबिक लगभग 38% लोग अब अपनी 50% से ज्यादा पेमेंट UPI के जरिए कर रहे हैं। हालांकि UPI ट्रांजेक्शन पर फीस लगाने के मुद्दे ने यूजर्स के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। इस सर्वे के अनुसार 75% लोग ट्रांजेक्शन फीस लागू होने पर UPI का इस्तेमाल बंद करने का विचार कर रहे हैं, जबकि 22% लोग इस पर सहमति जता रहे हैं। यह डेटा 42,000 से ज्यादा यूजर्स से प्राप्त किया गया, जिसमें 63% पुरुष और 37% महिलाएं शामिल थीं। इसके अलावा, 41% उत्तरदाता टियर-1 शहरों से, 30% टियर-2 से और 29% ग्रामीण क्षेत्रों से थे।
फिनटेक सेक्टर और बैंक सरकार पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को UPI पर लागू करने का दबाव बना रहे हैं, जिससे व्यापारियों को UPI ट्रांजेक्शन पर शुल्क लेने की अनुमति मिल सके। इससे व्यापारी डेबिट और क्रेडिट कार्ड की तरह ही UPI पेमेंट्स पर शुल्क वसूल सकेंगे।
UPI के 2016 में लॉन्च के बाद से यह भारत में डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में बड़ा बदलाव लाया है। अब कई अन्य देश भी UPI जैसी तकनीक को अपनाने में रुचि दिखा रहे हैं, यहाँ तक कि अमेरिका में भी इसी प्रकार की टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ रही है।
यह बदलाव डिजिटल पेमेंट्स के भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, खासकर यदि ट्रांजेक्शन फीस लागू होती है तो इसके व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।