Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2024 05:35 PM
देश में त्वरित भुगतान प्रणाली UPI के माध्यम से होने वाले लेनदेन की संख्या वर्ष 2024 के पहले छह महीनों में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत बढ़कर 78.97 अरब हो गई है। भुगतान प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता ‘वर्ल्डलाइन' की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई भुगतान का बाजार...
बिजनेस डेस्कः देश में त्वरित भुगतान प्रणाली UPI के माध्यम से होने वाले लेनदेन की संख्या वर्ष 2024 के पहले छह महीनों में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत बढ़कर 78.97 अरब हो गई है। भुगतान प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता ‘वर्ल्डलाइन' की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई भुगतान का बाजार में दबदबा बना हुआ है और इसकी पहुंच लगातार बढ़ रही है।
यह भी पढ़ेंः SIP ने बनाया नया रिकॉर्ड, सितंबर महीने में पहली बार 24000 करोड़ के पार
रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी 2023 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 8.03 अरब थी, जो जून 2024 तक बढ़कर 13.9 अरब हो गई। इस दौरान, लेनदेन के मूल्य में भी वृद्धि हुई है, जो जनवरी 2023 में 12.98 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर जून 2024 में 20.07 लाख करोड़ रुपए हो गया।
यह भी पढ़ेंः अरबपतियों की लिस्ट में कभी भी क्यों नहीं आया Ratan Tata का नाम, जानिए क्या थी वजह
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों में फोनपे अग्रणी मंच बना हुआ है, जबकि गूगलपे और पेटीएम उसके बाद हैं। हालांकि, पहले छह महीनों में यूपीआई लेनदेन का औसत टिकट आकार (प्रति लेनदेन मूल्य) में आठ प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
वर्ल्डलाइन इंडिया के सीईओ रमेश नरसिम्हन ने कहा कि यूपीआई लेनदेन में यह उल्लेखनीय वृद्धि विशेष रूप से पी2एम खंड में सूक्ष्म लेनदेन के लिए इसकी स्थिति को मजबूत करती है, जो दीर्घकालिक टिकाऊपन की ओर संकेत करता है।