इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बड़ी छलांग, वैल्यू एडिशन 70% पहुंचा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Apr, 2025 12:55 PM

value addition of electronics manufacturing in india reaches 70

भारत तेजी से वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) जो पहले केवल 30 प्रतिशत था, अब बढ़कर करीब 70 प्रतिशत हो गया है और वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) तक इसे 90 प्रतिशत तक पहुंचाने का...

नई दिल्लीः भारत तेजी से वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) जो पहले केवल 30 प्रतिशत था, अब बढ़कर करीब 70 प्रतिशत हो गया है और वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) तक इसे 90 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, नई कंपोनेंट्स नीति के तहत सरकार वैल्यू एडिशन को 15-16% से बढ़ाकर 40-50% तक ले जाने की दिशा में काम कर रही है। भारत से मोबाइल फोन का निर्यात पिछले 10 वर्षों में 77 गुना बढ़ा है, जो 'मेक इन इंडिया' पहल की बड़ी सफलता को दर्शाता है।

AC के आयात में भारी गिरावट

फुली-बिल्ट एयर कंडीशनर (CBU) का आयात FY19 में 35% था, जो FY25 में घटकर सिर्फ 5% रह गया है। अब भारत में कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब और एल्युमिनियम कॉइल जैसे मुख्य पुर्जे भी स्थानीय रूप से तैयार किए जा रहे हैं। FY24 में लगभग 85 लाख RAC कंप्रेसर आयात किए गए थे लेकिन अगले 2-3 वर्षों में इनका पूरा उत्पादन भारत में ही होगा।

PCBA की मांग में उछाल

प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) की मांग बिजनेस और कंज्यूमर सेक्टर दोनों में तेजी से बढ़ रही है। इसमें उच्च आयात शुल्क का भी योगदान रहा है। FY18 में मोबाइल PCBA का आयात 30,000 करोड़ रुपए का था, जो अब FY24 में लगभग शून्य पर आ गया है।

2016 से पहले भारत में उत्पादन से ज्यादा आयात होता था लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। FY24 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन आयात से 24% ज्यादा हो चुका है। इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट भी तेज़ी से बढ़ रहा है, FY16 से FY25 तक इसका CAGR (वार्षिक वृद्धि दर) 26% रही है।

भारत बना वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का पसंदीदा केंद्र

  • PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव)
  • PMP (फेज़्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम)
  • SPECS (इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट और सेमीकंडक्टर को बढ़ावा देने की योजना)

जैसी सरकारी योजनाओं के साथ-साथ कुशल जनशक्ति, बेहतर बुनियादी ढांचा और 15% की कॉर्पोरेट टैक्स दर ने भारत को वैश्विक कंपनियों के लिए आकर्षक गंतव्य बना दिया है।

भारत अब बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता

आज भारत में बिकने वाले 99% मोबाइल फोन स्थानीय रूप से बनाए जाते हैं, जो देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का प्रमाण है।
 

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