Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2024 11:14 AM
वेदांता लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से मिलकर बने वेदांता समूह के निवेशकों की संपत्ति चालू वित्त वर्ष में अबतक खूब बढ़ी है। इस दौरान दोनों कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 2.2 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, इस...
नई दिल्लीः वेदांता लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से मिलकर बने वेदांता समूह के निवेशकों की संपत्ति चालू वित्त वर्ष में अबतक खूब बढ़ी है। इस दौरान दोनों कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 2.2 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 28 मार्च से 20 जून के बीच वेदांता समूह के कुल बाजार पूंजीकरण में 2.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
यह आंकड़ा समान अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा समूह और टाटा समूह जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में हुई वृद्धि से कहीं अधिक है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, वेदांता लिमिटेड और हिंदुस्तान जिंक के शेयरों के भाव अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से लगभग दोगुने हो गए हैं। इस दौरान अडानी और महिंद्रा समूहों के बाजार पूंजीकरण में 1.4 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि देखी गई। इस अवधि में टाटा समूह का बाजार पूंजीकरण 60,600 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ा जबकि दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाजार मूल्यांकन में 20,656.14 करोड़ रुपए से अधिक की गिरावट आ गई।
वेदांता ने वित्त वर्ष 2023-24 में 30 प्रतिशत के एबिटा (ब्याज, कर एवं परिशोधन से पहले की आय) मार्जिन के साथ 1,41,793 करोड़ रुपए का अपना दूसरा सर्वाधिक राजस्व और 36,455 करोड़ रुपए का एबिटा अर्जित किया था। वेदांता समूह ने निकट भविष्य में 10 अरब डॉलर की एबिटा आय के लिए एक रणनीतिक खाका तैयार किया है जिसमें जिंक, एल्युमीनियम, तेल एवं गैस और बिजली कारोबार सहित 50 से अधिक वृद्धि परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन शामिल है। वेदांता समूह में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की हिस्सेदारी मार्च तिमाही के अंत में बढ़कर 8.77 प्रतिशत हो गई जबकि दिसंबर तिमाही में यह 7.74 प्रतिशत थी।