Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Feb, 2025 01:32 PM
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वेदांता लिमिटेड के कंपनी को पांच स्वतंत्र व क्षेत्र-विशिष्ट कंपनियों में विभाजित करने के प्रस्ताव को शेयरधारकों और ऋणदाताओं की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, विभाजन योजना के पक्ष में मतदान करने वाले 99.99 प्रतिशत...
नई दिल्लीः वेदांता लिमिटेड के कंपनी को पांच स्वतंत्र व क्षेत्र-विशिष्ट कंपनियों में विभाजित करने के प्रस्ताव को शेयरधारकों और ऋणदाताओं की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, विभाजन योजना के पक्ष में मतदान करने वाले 99.99 प्रतिशत शेयरधारकों ने इस कदम का समर्थन किया। इसके अलावा वेदांता लिमिटेड के 99.59 प्रतिशत ‘सिक्योरड' ऋणदाताओं और 99.95 प्रतिशत ‘अनसिक्योरड' ऋणदाताओं ने विभाजन के पक्ष में मतदान किया।
खनन क्षेत्र के दिग्गज अनिल अग्रवाल ने 2020 में वेदांता को निजी क्षेत्र में शामिल करने में विफल रहने के बाद 2023 में कारोबार में आमूलचूल परिवर्तन की योजना शुरू की थी। विभाजन से बनने वाली पांच इकाइयों में वेदांता लिमिटेड भी शामिल होगी, जो कंपनी की मूल धातुओं का भंडारण करेगी। वेदांता की विभाजन योजना के अनुसार, विभाजन प्रक्रिया पूरी होने पर प्रत्येक वेदांता शेयरधारक को चार नई विभाजित कंपनियों में से प्रत्येक में एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।
ये पांच कंपनियां वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर और वेदांता आयरन एंड स्टील और वेदांता लिमिटेड हैं। वेदांता लिमिटेड में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक तथा तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक हिंदुस्तान जिंक शामिल होगी। यह वेदांता के प्रौद्योगिकी क्षेत्रों सहित नए व्यवसायों के लिए ‘इनक्यूबेटर' के रूप में भी काम करेगी। कंपनी के 391.03 करोड़ शेयर में से 324.58 करोड़ यानी 83 प्रतिशत ने विभाजन योजना के पक्ष में मतदान किया। इनमें से 42,186 शेयर के अलावा बाकी सभी ने विभाजन के पक्ष में मतदान किया।