Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jan, 2025 10:34 AM
2024 में भारतीय वाहन उद्योग ने स्थिर वृद्धि दर्ज की, जिसमें वार्षिक बिक्री 9% बढ़कर 2.61 लाख वाहन तक पहुंच गई। यह वृद्धि 2023 की 2.4 लाख वाहनों की बिक्री के मुकाबले अधिक है और महामारी-पूर्व 2018 के रिकॉर्ड 2.54 लाख वाहनों को भी पार कर चुकी है।...
बिजनेस डेस्कः 2024 में भारतीय वाहन उद्योग ने स्थिर वृद्धि दर्ज की, जिसमें वार्षिक बिक्री 9% बढ़कर 2.61 लाख वाहन तक पहुंच गई। यह वृद्धि 2023 की 2.4 लाख वाहनों की बिक्री के मुकाबले अधिक है और महामारी-पूर्व 2018 के रिकॉर्ड 2.54 लाख वाहनों को भी पार कर चुकी है। महामारी के छह साल बाद वाहन उद्योग ने अपने सभी प्रमुख मील के पत्थर को पीछे छोड़ते हुए मजबूती से उबरने का संकेत दिया है।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि वाहनों की बिक्री के लिहाज से 2025 एक कमजोर वर्ष रहेगा जहां यात्री वाहनों की बिक्री में निचले एक अंक में वृद्धि दिखेगी जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री में 6 से 8 फीसदी और ट्रैक्टरों की बिक्री में 3 से 5 फीसदी की वृद्धि होगी। साल के दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री काफी हद तक बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च पर निर्भर करेगी।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि वाहन उद्योग को नए साल में यात्री वाहनों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। वाहन पोर्टल पर पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में कुल करीब 2.41 करोड़ वाहनों की बिक्री हुई थी जबकि यह आंकड़ा 2020 में 1.86 करोड़, 2021 में 1.89 करोड़ और 2022 में 2.15 करोड़ रहा था।
क्रिसिल के निदेशक एवं सीनियर प्रैक्टिस लीडर हेमल ठक्कर ने कहा, ‘हम संभवत: उन चुनिंदा अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं जिसने कोविड-पूर्व स्तर को पार करते हुए कोविड-पूर्व आंकड़ों से काफी आगे निकल चुकी है। हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2026 में समग्र जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी से अधिक रहेगी। सामान्य बारिश होने से सभी श्रेणियों में वृद्धि को रफ्तार मिलेगी।
हमारा मानना है कि दोपहिया उद्योग वित्त वर्ष 2026 में 6 से 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगा, मगर यात्री वाहन उद्योग की वृद्धि रफ्तार निचले एक अंक में हो सकती है। ट्रैक्टर श्रेणी में 3 से 5 फीसदी की वृद्धि दिखने की उम्मीद है। वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में बिक्री की रफ्तार काफी हद तक आगामी बजट में बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय पर निर्भर करेगी। नए साल में ईवी का रुझान भी जारी रहेगा।’
साल 2024 में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री 19.5 लाख वाहन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई। इस दौरान ईवी की पहुंच बढ़कर लगभग 7.5 फीसदी हो गई जो 2023 में 6.39 फीसदी थी। साल के दौरान बेचे गए कुल 2.61 करोड़ वाहनों में पेट्रोल वाहनों की हिस्सेदारी 74 फीसदी और डीजल वाहनों की हिस्सेदारी 10 फीसदी रही।
चंद्रा ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 2025 में भारतीय यात्री वाहन बाजार में वृद्धि की रफ्तार अच्छी रहेगी। टाटा मोटर्स वाहन उद्योग में हो रहे बदलाव का लाभ उठाने के लिए मजबूत स्थिति में है। हम अपनी रफ्तार को बरकरार रखते हुए बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने और नए मॉडलों को उतारने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। ईवी श्रेणी में हम अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत करेंगे।’
यात्री वाहन बाजार के लिए सबसे बड़ी चिंता अनबिके वाहनों का बढ़ता भंडार है। दिसंबर 2024 के आरंभ में अनबिके वाहनों का स्टॉक करीब 6,50,000 वाहन तक पहुंच गया था जो 65 से 68 दिनों की बिक्री के लिए पर्याप्त है। हालांकि त्योहारी सीजन के दौरान डीलरों को कुछ हद तक स्टॉक खपाने में मदद मिली। वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने कहा, ‘हमारे लिए 2024 एक अच्छा साल रहा और त्योहारी बिक्री भी अच्छी रही। हम 2025 में भी अच्छी वृद्धि की उम्मीद करते हैं। कई नए मॉडलों के साथ ईवी श्रेणी का प्रदर्शन भी अच्छा रहेगा।’