Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Dec, 2024 12:26 PM
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (vijay mallya) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बैंकों द्वारा उनके ऊपर बकाया कर्ज से दो गुना से अधिक कर्ज वसूलने के खिलाफ राहत की मांग की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जानकारी दी थी कि 14,130 करोड़ रुपए से अधिक...
बिजनेस डेस्कः भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (vijay mallya) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बैंकों द्वारा उनके ऊपर बकाया कर्ज से दो गुना से अधिक कर्ज वसूलने के खिलाफ राहत की मांग की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जानकारी दी थी कि 14,130 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति कुर्क करने के बाद बैंकों ने माल्या से वसूली की है। इसके बाद माल्या ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "ऋण वसूली अधिकरण ने किंगफिशर एयरलाइंस (KFA) के कर्ज को 6203 करोड़ रुपए आंका है, जिसमें ब्याज भी शामिल है।"
उन्होंने आगे लिखा, "सीतारमण ने संसद में घोषणा की कि ED के जरिए बैंकों ने मुझसे 6203 करोड़ रुपए के ऋण के बदले 14,131.6 करोड़ रुपए की वसूली की है और मैं अब भी एक आर्थिक अपराधी हूं।" माल्या ने यह भी कहा कि जब तक ED और बैंक यह कानूनी रूप से साबित नहीं कर देते कि उन्होंने दोगुना से अधिक कर्ज कैसे वसूल किया, तब तक वह राहत पाने का हकदार हैं और इसके लिए प्रयास करेंगे।
वित्त मंत्री ने 2024-25 के लिए अनुपूरक अनुदान की मांगों पर लोकसभा में चर्चा के दौरान यह जानकारी दी थी कि विजय माल्या की 14,131.6 करोड़ रुपए की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है। माल्या, जो मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए थे, भारत में किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज की अदायगी में चूक के मामले में वांछित हैं।
माल्या ने आगे कहा, "मैंने केएफए के ऋणों के गारंटर के रूप में जो कहा, वह कानूनी रूप से सत्यापन योग्य है। फिर भी मुझसे 8000 करोड़ रुपए अधिक की वसूली की गई है।" उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें किसी भी तरह का समर्थन नहीं मिल रहा और सवाल उठाया कि क्या कोई भी इस 'घोर अन्याय' पर सवाल उठाएगा।
माल्या ने यह भी दावा किया कि सीबीआई ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, जबकि यह ऋण पूरी तरह से बैंक की ऋण समिति और निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित था और चुकता किया जा चुका था। उन्होंने कहा कि नौ साल बाद भी इस आरोप का कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला है। भारत सरकार ब्रिटेन से उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है। इससे पहले माल्या ने बैंकों और सरकार को सार्वजनिक धन का 100 प्रतिशत चुकाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उनका यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया था।