Indus Towers में हिस्सेदारी बेचेगा Vodafone समूह, 2.3 अरब डॉलर जुटाने की तैयारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jun, 2024 03:18 PM

vodafone group will sell stake in indus towers preparing to raise 2 3 billion

वोडाफोन समूह अगले सप्ताह शेयर बाजार में ब्लॉक डील के जरिये इंडस टावर्स में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी कर्ज चुकाने की अपनी कोशिशों के तहत यह सौदा कर रही है।...

नई दिल्लीः वोडाफोन समूह अगले सप्ताह शेयर बाजार में ब्लॉक डील के जरिये इंडस टावर्स में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी कर्ज चुकाने की अपनी कोशिशों के तहत यह सौदा कर रही है। मोबाइल टावर चलाने वाली कंपनी इंडस में वोडाफोन समूह की विभिन्न कंपनियों की कुल 21.5 फीसदी हिस्सेदारी है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर आज के बंद भाव के हिसाब से इंडस में वोडाफोन की हिस्सेदारी करीब 2.3 अरब डॉलर की बैठती है।

सूत्रों ने कहा कि अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि कुल कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी। बाजार में इंडस के शेयरों की मांग कम रही तो कंपनी 21.5 फीसदी से कम हिस्सा भी बेच सकती है। बाजार में यह खबर आने के बाद वोडाफोन आइडिया का शेयर 4.8 फीसदी चढ़ गया। इंडस टावर्स का शेयर मुनाफावसूली के बाद 0.3 फीसदी ऊपर बंद हुआ। वोडाफोन आइडिया और​ ब्रिटेन की उसकी मूल कंपनी ने इस बारे में भेजे ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। इंडस टावर्स ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया।

सूत्रों ने बताया कि वोडाफोन ने हिस्सेदारी बिक्री का यह सौदा कराने के लिए बैंक ऑफ अमेरिका, मॉर्गन स्टैनली और बीएनपी पारिबा को नियुक्त किया है। बैंक ऑफ अमेरिका ने भी इस पर कुछ कहने से मना कर दिया और बाकी दोनों ने रॉयटर्स के सवाल का कोई जवाब ही नहीं दिया। वोडाफोन ने 2022 में ऐलान किया था कि वह अपनी हिस्सेदारी (उस समय 28 फीसदी हिस्सेदारी थी) बेच देगी मगर अभी तक वह मामूली हिस्सा ही बेच पाई है। सूत्रों ने कहा कि हिस्सेदारी बेचने के लिए दूसरी दूरसंचार कंपनियों से बात हुई थी मगर मामला परवान नहीं चढ़ा और सौदा नहीं हो पाया।

सूत्रों ने कहा कि वोडाफोन इस सौदे से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल अपने कर्ज का कुछ हिस्सा चुकाने में करना चाहती है। समूह पर 42.17 अरब डॉलर कर्ज है। इंडस खुद को दुनिया की सबसे बड़ी टावर कंपनियों में गिनती है और दूसरी सबसे बड़ी भारतीय दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल भी उसकी शेयरधारक है। कंपनी के पास करीब 2.2 लाख टावर हैं। वह टावर के लिए बिजली, जगह और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी मुहैया कराने का भी काम करती है। इंडस टावर्स में निजी इ​क्विटी फर्म केकेआर और कनाडा के पेंशन फंड सीपीपीआईबी की भी हिस्सेदारी थी मगर फरवरी में उन्होंने सारे शेयर बेच दिए।

ब्लॉक डील में निवेशक शेयर बाजार में अपने शेयर बेचते हैं और बाजार के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के साथ देश में यह रास्ता बहुत लोकप्रिय हो रहा है। मार्च में ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको ने आईटीसी में अपनी पूरी हिस्सेदारी 2 अरब डॉलर में बेच दी थी। नियामकीय के पास भेजी गई जानकारी के मुताबिक मार्च 2024 तिमाही में इंडस टावर्स का शुद्ध लाभ 20 फीसदी बढ़कर 22.1 करोड़ डॉलर हो गया। मगर इस दौरान कंपनी की आय पहले की तरह करीब 86 करोड़ डॉलर ही रही।
 

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