Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Nov, 2024 03:18 PM
वारी एनर्जी (Waaree Energies) के शेयरों में गिरावट का सिलसिला 11 नवंबर को भी जारी रहा। दिनभर के कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर करीब 9.5 प्रतिशत टूटकर 2,838 रुपए के स्तर पर आ गए। पिछले तीन दिनों में वारी एनर्जी के शेयर में कुल मिलाकर 22 प्रतिशत की...
बिजनेस डेस्कः वारी एनर्जी (Waaree Energies) के शेयरों में गिरावट का सिलसिला 11 नवंबर को भी जारी रहा। दिनभर के कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर करीब 9.5 प्रतिशत टूटकर 2,838 रुपए के स्तर पर आ गए। पिछले तीन दिनों में वारी एनर्जी के शेयर में कुल मिलाकर 22 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
इस गिरावट के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित जीत को मुख्य कारण माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप की जीत से अमेरिका के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में गिरावट आ सकती है, जिससे वारी एनर्जी और अन्य कंपनियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, खासकर उन पर जो अमेरिकी एक्सपोर्ट पर अत्यधिक निर्भर हैं।
ट्रंप का 'पहले दिन' का वादा
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की जीत के बाद अपने भाषण में कहा कि वह सत्ता संभालने के 'पहले दिन' ही रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं पर रोक लगा देंगे। ट्रंप के इस ऐलान से उद्योग जगत में हलचल मच गई है और इसके कारण रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ट्रंप ने विशेष रूप से ऑपशोर विंड फार्मों के बारे में कहा, "हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि यह पहले दिन ही समाप्त हो जाए।"
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के खिलाफ अपना रुख अपनाया है। अपने पिछले चुनावी अभियान में, ट्रंप ने दावा किया था कि सोलर पैनल्स को ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अत्यधिक भूमि की आवश्यकता होती है, जैसे कि पूरा रेगिस्तान।
हालांकि, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर ट्रंप के इस विचार से असहमत है। सोलर एनर्जी इंडस्ट्री एसोसिएशन के अनुसार, सोलर पैनलों के लिए आवश्यक भूमि की मात्रा अपेक्षाकृत कम है और वर्तमान में मौजूद अधिकांश यूटिलिटी-स्केल सोलर फार्म्स 6,00,000 एकड़ से कम भूमि पर आधारित होते हैं।