Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Nov, 2024 01:38 PM
भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन के बाद से टाटा ग्रुप को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। रतन टाटा के बाद नोएल टाटा की टाटा सन्स के बोर्ड एंट्री हो चुकी है। इस बीच बहुत बड़ी जानकारी सामने आ रही है। रतन टाटा की जीवनी के लिखने वाले थॉमस मैथ्यू...
बिजनेस डेस्कः भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन के बाद से टाटा ग्रुप को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। रतन टाटा के बाद नोएल टाटा की टाटा सन्स के बोर्ड एंट्री हो चुकी है। इस बीच बहुत बड़ी जानकारी सामने आ रही है। रतन टाटा की जीवनी के लिखने वाले थॉमस मैथ्यू ने बड़ा खुलासा किया है। थॉमस मैथ्यू ने कहा है कि जब रतन टाटा से पूछा गया कि क्या सायरस मिस्त्री टाटा ग्रुप को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो इस पर उनका जवाब ज्यादा हैरान करने वाला था।
‘रतन टाटा ए लाइफ’ किताब में किया खुलासा
बता दें कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप के MD रहे सायरस मिस्त्री और रतन टाटा को लेकर ‘रतन टाटा ए लाइफ’ नामक जीवनी लिखने वाले थॉमस मैथ्यू ने एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि साल 2012 में सायरस मिस्त्री को रतन टाटा ने पूरा समर्थन दिया था। साल 2016 में सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने पर थॉमस मैथ्यू ने बताया कि वह रतन टाटा के उत्तराधिकारी के रूप में सफल नहीं हो पाए थे।
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शापूर पालोनजी ग्रुप (SP Group) की ओर से टाटा संस में शेयरों के अधिग्रहण के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर ‘रतन टाटा ए लाइफ’ में थॉमस मैथ्यू ने इस बात का संकेत दिया था कि नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक की कंपनी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। थॉमस मैथ्यू ने कहा कि टाटा संस के कुछ दिग्गजों ने SP ग्रुप की ओर से किया अधिग्रहण टाटा संस के लिए सही नहीं था।
JRD को नहीं पंसद था SP ग्रुप का अधिग्रहण
थॉमस मैथ्यू ने कई दिग्गजों के हवाले से खुलासा किया कि SP ग्रुप के इस अधिग्रहण से खुद JRD यानी जहांगीर रतनजी टाटा को यह पंसद नहीं आया था। वह इससे काफी असहज थे। दिग्गजों के हवाले से उन्होंने दावा किया कि SP ग्रुप ने कमजोर परिवार के सदस्यों की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए गुप्त तरीके से शेयर हासिल किए थे।
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‘रतन टाटा ए लाइफ’ के अनुसार SP ग्रुप ने टाटा संस में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ाकर लगभग 18 प्रतिशत कर ली थी। इसमें वह शेयर्स भी शामिल थे, जिन्हें JRD ने अपने भाई-बहनों के नाम किए थे। थॉमस मैथ्यू ने कहा कि टाटा संस के कई प्रमुख दिग्गजों को बाहर करना भी अच्छा संकेत नहीं था। उन्होंने कि जब मैंने रतन टाटा से पूछा कि सायरस मिस्त्री क्या ग्रुप को तोड़ रहे हैं, तो इस पर रतन टाटा ने कहा नो कमेंट। उन्होंने दावा किया कि यह काफी चौंकाने वाला था।