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Indexation क्या है और प्रॉपर्टी बेचने पर घट जाएगा फायदा?

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jul, 2024 11:29 AM

what is indexation and will the profit decrease on selling the property

रियल एस्टेट सेक्टर पर लगाया गया नया टैक्स प्रावधान बजट में बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। इस प्रावधान के अनुसार, मकान बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर लगाई जाने वाली टैक्स दर 20% से घटाकर 12.5% कर दी गई है लेकिन इसके साथ ही, इंडेक्सेशन बेनेफिट...

बिजनेस डेस्कः रियल एस्टेट सेक्टर पर लगाया गया नया टैक्स प्रावधान बजट में बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। इस प्रावधान के अनुसार, मकान बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर लगाई जाने वाली टैक्स दर 20% से घटाकर 12.5% कर दी गई है लेकिन इसके साथ ही, इंडेक्सेशन बेनेफिट भी हटा दिया गया है।  

इंडेक्सेशन क्या है

इंडेक्सेशन का मतलब है कि मकान को खरीदते समय की महंगाई का असर भी देखा जाता है। इनकम टैक्स विभाग इसकी गणना के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) का सहारा लेता है। महंगाई का असर एडजस्ट करने पर परचेज प्राइस बढ़ जाती है और इस तरह LTCG कम हो जाता है। CII के लिए बेस ईयर 2001 है, जिसकी बेस वैल्यू 100 है। 2024-25 के लिए CII 363 है।

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इस नए प्रावधान के अनुसार, 2001 के बाद खरीदे गए मकानों के लिए ही यह नियम लागू होगा। इसका मतलब है कि अब उन मकानों के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट नहीं मिलेगा जिन्हें 2001 से पहले खरीदा गया था। यह बदलाव 23 जुलाई, 2024 से लागू हो गया है।

उदाहरण 

मान लें, आपने 2014-15 में एक मकान 100 रुपए में खरीदा और 2024-25 में बेचा गया। FY 2014-15 के लिए CII 240 था और FY2024-25 के लिए CII 363 है। इस तरह इंडेक्सेशन फैक्टर हुआ 1.51 (363/240)। परचेज की इंडेक्स्ड कॉस्ट होगी 151 रुपए (1.51x100)।

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विशेषज्ञों की राय

इस बदलाव से घरों की बिक्री करने वाले लोगों को LTCG टैक्स में कमी का लाभ हो सकता है लेकिन इंडेक्सेशन के बिना इसका फायदा कम हो सकता है। ध्यान दें कि LTCG टैक्स से बचने के लिए सेक्शन 54 की छूट का भी लाभ लिया जा सकता है, जो कि निवेशकों को रिन्वेस्ट करने के लिए विकल्प प्रदान करता है।

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LTCG टैक्स देनदारी घटेगी?

IT एक्ट 1961 के सेक्शन 54 में रेजिडेंशल प्रॉपर्टी खरीदने या बनवाने की लागत को मकान, जमीन की बिक्री से होने वाले कैपिटल गेस से घटाने की छूट है। सेक्शन 54 में रीइनवेस्टमेंट की लिमिट 10 करोड़ रुपए है। इसके अलावा 54EC बॉन्ड्स में 50 लाख रुपए तक निवेश कर कुछ शर्तों के साथ टैक्स छूट हासिल की जा सकती है। डेलॉयट इंडिया में पार्टनर हेमल मेहता ने कहा, 'सेक्शन 54 का फायदा लेकर LTCG टैक्स देनदारी में बचत की जा सकती है लेकिन एक मकान बेचकर दूसरा खरीदने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

इनकम टैक्स विभाग ने क्या कहा?

विभाग ने x पर एक पोस्ट में कहा कि रियल एस्टेट से नॉमिनल रिटर्न आमतौर पर 12- 16% सालाना रहा है और इंफ्लेशन के लिए इंडेक्सेशन 4-5% के दायरे में रहा है, जो होल्डिंग पीरियड पर निर्भर है। 5 साल होल्ड करने के बाद प्रॉपर्टी बेचने पर उन मामलों में नया सिस्टम फायदेमंद है, जिनमें भाव 1.7 गुना या इससे अधिक बढ़ा हो। 10 साल की होल्डिंग में तब फायदेमंद है, जब प्राइस 2.4 गुना या इससे अधिक बढ़ा हो।

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