Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Aug, 2024 02:51 PM
गेहूं (Wheat) की कीमतें 9 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। उद्योग के अनुसार, अगर सरकार ने अपने स्टॉक से गेहूं जारी नहीं किया तो त्योहारी सीजन के चलते कीमतें और बढ़ सकती हैं। भारतीय आटा मिल संचालकों ने सरकार से अपने स्टॉक से गेहूं जारी करने की...
बिजनेस डेस्कः गेहूं (Wheat) की कीमतें 9 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। उद्योग के अनुसार, अगर सरकार ने अपने स्टॉक से गेहूं जारी नहीं किया तो त्योहारी सीजन के चलते कीमतें और बढ़ सकती हैं। भारतीय आटा मिल संचालकों ने सरकार से अपने स्टॉक से गेहूं जारी करने की मांग की है।
दक्षिण भारत के गेहूं की खपत करने वाले राज्यों के एक प्रमुख आटा मिल मालिक ने कहा, “गेहूं की आपूर्ति लगातार घट रही है और समग्र आपूर्ति की स्थिति पिछले साल की तुलना में अधिक खराब हो गई है। इसलिए, सरकार को तुरंत अपने स्टॉक से गेहूं बाजार में उतारना शुरू करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि गेहूं के भाव 28,000 रुपए प्रति टन के स्तर को छू चुके हैं, अप्रैल में ये भाव 24,000 रुपए टन था। एक आटा मिल मालिक ने कहा कि पिछले साल सरकार ने जून में अपने भंडार से गेहूं बेचना शुरू किया और जून 2023 से मार्च 2024 के बीच उसने स्टॉक से लगभग 100 लाख टन गेहूं की रिकॉर्ड बिक्री की थी।
इससे आटा मिलों और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों को सस्ती कीमत पर गेहूं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिली। अब हम अगस्त के दूसरे पखवाड़े में हैं और सरकार ने अभी तक राज्य के भंडार से गेहूं बेचने की पेशकश शुरू नहीं की है और इस देरी के कारण गेहूं की कीमतों में और वृद्धि हुई है।