Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2024 02:08 PM
असफलता से सफलता की कहानी लिखना तो कोई रतन टाटा (Ratan Tata) से सीखे। 1999 में टाटा समूह (Tata Group) की प्रमुख यात्री कार टाटा इंडिका से अपेक्षित लाभ नहीं मिलने पर, रतन टाटा ने अपने यात्री वाहन खंड को फोर्ड मोटर्स को बेचने का निर्णय लिया।
बिजनेस डेस्कः असफलता से सफलता की कहानी लिखना तो कोई रतन टाटा (Ratan Tata) से सीखे। 1999 में टाटा समूह (Tata Group) की प्रमुख यात्री कार टाटा इंडिका से अपेक्षित लाभ नहीं मिलने पर, रतन टाटा ने अपने यात्री वाहन खंड को फोर्ड मोटर्स को बेचने का निर्णय लिया।
फोर्ड के अधिकारियों द्वारा भारतीय प्रतिनिधिमंडल को अपमानित किए जाने के बाद, रतन टाटा ने बिक्री के निर्णय को पुनर्विचार किया। इस अनुभव ने रतन टाटा को अपने लक्ष्यों पर और अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने फोर्ड के साथ सौदे को रद्द करने का फैसला किया।
फोर्ड JLR अधिग्रहण
2008 में रतन टाटा ने फोर्ड की जगुआर लैंड रोवर (JLR) को 2.23 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा, जो एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। टाटा समूह ने जेएलआर के अधिग्रहण के बाद मोटर वाहन उद्योग में अभूतपूर्व बदलाव किया और इसे वैश्विक कार बाजार में एक मजबूत ब्रांड बना दिया।
जेएलआर ने रतन टाटा के प्रेरणादायक नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। जेएलआर के सीईओ एड्रियन मार्डेल ने कहा कि रतन टाटा ने कंपनी के इतिहास में नए अध्याय लिखने की प्रेरणा दी और उनके योगदान की सराहना की।
रतन नवल टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। यह कहानी न केवल रतन टाटा की व्यक्तिगत उपलब्धियों को उजागर करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे असफलताओं से सीखकर सफलता प्राप्त की जा सकती है।