हेल्थ इंश्योरेंस पर GST में कटौती का फैसला अगले महीने मंत्रिसमूह की बैठक में होगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2024 01:34 PM

whether gst on health insurance will be reduced or not

स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर माल एवं सेवा कर (GST) को कम करने के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए मंत्रिस्तरीय समिति की पहली बैठक 19 अक्टूबर को दिल्ली में होगी। वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जिसे घटाने या समाप्त...

बिजनेस डेस्कः स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर माल एवं सेवा कर (GST) को कम करने के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए मंत्रिस्तरीय समिति की पहली बैठक 19 अक्टूबर को दिल्ली में होगी। वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जिसे घटाने या समाप्त करने की मांग की जा रही है।

समिति का गठन और सदस्य

जीएसटी परिषद ने इस महीने की शुरुआत में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित किया था। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस समूह के संयोजक हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु, और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। इस समिति को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपने का निर्देश दिया गया है।

चर्चा के विषय

समिति के विचारार्थ विषयों में व्यक्तिगत, समूह, 'फैमिली फ्लोटर' और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य/चिकित्सकीय बीमा शामिल हैं। इसके अलावा जीवन बीमा पर कर की दरें भी सुझाई जाएंगी, जिसमें टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं और पुनर्बीमा का भी समावेश है।

विपक्षी दलों की मांग

पश्चिम बंगाल सहित कई विपक्षी दल शासित राज्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूर्ण छूट की मांग की है, जबकि कुछ राज्यों ने कर को घटाकर 5 प्रतिशत करने का समर्थन किया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।

जीएसटी संग्रह

वित्त वर्ष 2023-24 में, केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 8,262.94 करोड़ रुपए और स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर 1,484.36 करोड़ रुपए एकत्र किए। वित्त मंत्री सीतारमण ने अगस्त में लोकसभा में इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा था कि जीएसटी संग्रह का 75 प्रतिशत राज्यों को जाता है और विपक्षी सदस्यों को अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों से प्रस्ताव लाने के लिए कहना चाहिए।

समिति की बैठक से आने वाले निर्णयों का भारतीय बीमा उद्योग पर गहरा असर पड़ सकता है और इससे उपभोक्ताओं को भी राहत मिल सकती है।

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