Edible oil Price: कुकिंग ऑयल की ऊंची कीमतों पर सरकार का सख्त रुख, कंपनियों से मांगा जवाब

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Sep, 2024 11:07 AM

why cooking oil is costly in market during festive season

रिटेल मार्केट में कुकिंग ऑयल की ऊंची कीमतों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है और कंपनियों से स्पष्ट जवाब मांगा है। सरकार का सवाल है कि जब कुकिंग ऑयल पर इंपोर्ट टैक्स कम कर दिया गया है और इसकी देश में पर्याप्त उपलब्धता है, तो फिर कीमतें क्यों बढ़ी हुई हैं?

बिजनेस डेस्कः रिटेल मार्केट में कुकिंग ऑयल की ऊंची कीमतों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है और कंपनियों से स्पष्ट जवाब मांगा है। सरकार का सवाल है कि जब कुकिंग ऑयल पर इंपोर्ट टैक्स कम कर दिया गया है और इसकी देश में पर्याप्त उपलब्धता है, तो फिर कीमतें क्यों बढ़ी हुई हैं?

खाद्य मंत्रालय ने पहले भी कंपनियों को सलाह दी थी कि इंपोर्ट टैक्स कम होने के बाद कीमतें स्थिर रखें और जरूरी कदम उठाएं। इसके बावजूद त्योहारी सीजन के नजदीक आते ही कुकिंग ऑयल की कीमतें बढ़ रही हैं, जबकि सरकार का कहना है कि देश में अभी 45-50 दिनों का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।

PunjabKesari

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने इस मुद्दे पर प्रमुख तेल उत्पादकों के संगठनों के साथ बैठक की, जिसमें सभी को कीमतें स्थिर रखने की हिदायत दी गई। भारत अपनी कुकिंग ऑयल की मांग का 50 फीसदी से अधिक आयात से पूरा करता है और देश में 30 लाख टन तेल सस्ते आयात शुल्क पर पहले से उपलब्ध है, जो अगले 50 दिनों की जरूरतों के लिए पर्याप्त है।

PunjabKesari

सरकार ने फिर बढ़ाई इंपोर्ट ड्यूटी

हालांकि, 14 सितंबर 2024 से सरकार ने कच्चे और रिफाइंड तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है, ताकि घरेलू तिलहन की कीमतों को समर्थन दिया जा सके। कच्चे सोयाबीन, पाम और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क अब 20% हो गया है, जिससे इन तेलों पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% तक बढ़ गया है। रिफाइंड तेलों पर भी शुल्क 12.5% से बढ़ाकर 32.5% कर दिया गया है, जिससे इन पर प्रभावी शुल्क 35.75% हो गया है।

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!