Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Aug, 2024 11:55 AM
रिेटेल महंगाई के बाद थोक महंगाई दर के मोर्चे पर भी राहत मिली है क्योंकि सोमवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में महंगाई दर 5 सालों के निचले स्तर पर चली गई थी। जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर 2.04 फीसदी रही है जो आरबीआई और सरकार के लिए राहत की सांस लेने...
बिजनेस डेस्कः रिेटेल महंगाई के बाद थोक महंगाई दर के मोर्चे पर भी राहत मिली है क्योंकि सोमवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में महंगाई दर 5 सालों के निचले स्तर पर चली गई थी। जुलाई में थोक महंगाई दर घटकर 2.04 फीसदी रही है जो आरबीआई और सरकार के लिए राहत की सांस लेने की वजह बन सकती है। इससे पिछले महीने यानी जून में होलसेल इंफ्लेशन रेट 3.36 फीसदी पर रहा था।
जानें अलग-अलग सेक्टर की महंगाई दर का ताजा आंकड़ा
प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर जुलाई में घटकर 3.08 फीसदी पर आ गई है जो जून में 8.80 फीसदी पर थी।
फ्यूल एंड पावर सेगमेंट के साथ मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई बढ़ी
फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की महंगाई दर में इजाफा देखा गया है और ये 1.72 फीसदी पर आई है जो कि जून में 1.03 फीसदी पर रही थी। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स सेगमेंट की महंगाई दर में भी इजाफा देखा गया है। जुलाई में विनिर्माण उद्योग के उत्पादों की थोक महंगाई दर 1.58 फीसदी पर रही है जो जून में 1.43 फीसदी पर थी।
फ्यूल एंड पावर सेगमेंट के साथ मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई बढ़ी
फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की महंगाई दर में इजाफा देखा गया है और ये 1.72 फीसदी पर आई है जो कि जून में 1.03 फीसदी पर रही थी। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स सेगमेंट की महंगाई दर में भी इजाफा देखा गया है। जुलाई में विनिर्माण उद्योग के उत्पादों की थोक महंगाई दर 1.58 फीसदी पर रही है जो जून में 1.43 फीसदी पर थी।