Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jan, 2025 04:57 PM
यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने दिसंबर तिमाही में बेहतरीन वित्तीय प्रदर्शन किया। यस बैंक का शुद्ध मुनाफा 164.5% बढ़कर 612.27 करोड़ रुपए हो गया, जबकि ICICI बैंक का शुद्ध लाभ 15% बढ़कर 11,792 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। दोनों बैंकों ने NPA में सुधार और आय...
बिजनेस डेस्कः यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने दिसंबर तिमाही में बेहतरीन वित्तीय प्रदर्शन किया। यस बैंक का शुद्ध मुनाफा 164.5% बढ़कर 612.27 करोड़ रुपए हो गया, जबकि ICICI बैंक का शुद्ध लाभ 15% बढ़कर 11,792 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। दोनों बैंकों ने NPA में सुधार और आय में वृद्धि दर्ज की, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता मजबूत हुई।
यस बैंक ने दिसंबर तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए 164.5 फीसदी का मुनाफा दर्ज किया है। बैंक ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 की अवधि में 612.27 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह आंकड़ा 231.46 करोड़ रुपए था।
वहीं, यस बैंक का नेट NPA तिमाही दर तिमाही आधार पर बिना बदलाव के 0.5 फीसदी रहा साथ ही ग्रॉस NPA भी QoQ आधार पर बिना बदलाव के 1.6 फीसदी रहा। तीमाही नतीजों में बैंक का स्टैंडअलोन NII सालाना आधार पर 10.2 फीसदी बढ़कर 2,224 करोड़ रुपए हो गया। साथ ही बैंक का PPOP साल दर साल आधार पर 24.9 फीसदी बढ़कर 1,079 करोड़ रुपए हो गया।
ICICI Bank का लाभ बढ़ा
आईसीआईसीआई बैंक का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 15 प्रतिशत बढ़कर 11,792 करोड़ रुपए रहा है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 10,272 करोड़ रुपए रहा था। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने शनिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी कुल आमदनी चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बढ़कर 48,368 करोड़ रुपए हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 42,792 करोड़ रुपए रही थी। बैंक की ब्याज आय समीक्षाधीन अवधि में बढ़कर 41,300 करोड़ रुपए रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 36,695 करोड़ रुपए रही थी।
परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर, बैंक का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात दिसंबर तिमाही के अंत में सुधरकर 1.96 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 2.3 प्रतिशत था। इसी तरह, शुद्ध एनपीए या खराब ऋण घटकर 0.42 प्रतिशत रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत में 0.44 प्रतिशत था। हालांकि, कर को छोड़कर कुल प्रावधान तिमाही के दौरान बढ़कर 1,227 करोड़ रुपए हो गया, जो एक साल पहले इसी समय 1,049 करोड़ रुपए था। दिसंबर तिमाही के अंत में गैर-निष्पादित ऋणों पर प्रावधान कवरेज अनुपात 78.2 प्रतिशत था। पूंजी पर्याप्तता अनुपात बढ़कर 14.71 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत में 14.61 प्रतिशत था।