Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Aug, 2024 11:50 AM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) में आज चेक क्लीयरेंस को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वो चेक क्लियर करने की समय सीमा को घटाएं। मौजूदा समय में चेक क्लियर होने 1 से 2 दिन का समय लगता है। अब...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) में आज चेक क्लीयरेंस को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वो चेक क्लियर करने की समय सीमा को घटाएं। मौजूदा समय में चेक क्लियर होने 1 से 2 दिन का समय लगता है। अब केंद्रीय बैंक ने इसे घटाकर कुछ घंटों में करने का निर्देश दे दिया है। इस फैसले से करोड़ों कोरबारियों और आम लोगों को फायदा मिलेगा।
RBI ने दिया ये आदेश
RBI की अगुआई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चेक के निपटान को कुछ घंटों में पूरा करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा है, गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक नीति बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि चेक को कुछ घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा और यह काम कारोबारी घंटों के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाशोधन का साइकल वर्तमान T+1 दिनों से घटकर कुछ घंटों का रह जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस संबंध में डिटेल दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। वर्तमान में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) दो कार्य दिवसों तक के समाशोधन चक्र के साथ चेक संसाधित करता है।
इस कदम का उद्देश्य चेक क्लियरेंस की दक्षता में सुधार करना और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करना है। गवर्नर ने आगे कहा कि उपाय का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है। दास ने कहा CTS को बैच प्रोसेसिंग के मौजूदा दृष्टिकोण से ‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर क्लियरेंस में बदलने का प्रस्ताव है।
रेपो रेट में बदलाव नहीं
एमपीसी की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को एक बार फिर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। आरबीआई ने रेपो रेट आखिरी बार बदलाव पिछले साल फरवरी में किया था। तब इसे 0.25% बढ़ाकर 6.50% किया गया था। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया। रेपो रेट के यथावत रहने का मतलब है कि आपके लोन की किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है।