Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2024 05:22 PM
स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म होने के बाद अब टेलीकॉम कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जानकारों के मुताबिक जुलाई से दरें 15 से 20% तक बढ़ सकती हैं, जिससे मोबाइल का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा। टेलीकॉम कंपनियां हैडलाइन टैरिफ में भी बढ़ोतरी कर...
बिजनेस डेस्कः स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म होने के बाद अब टेलीकॉम कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। जानकारों के मुताबिक जुलाई से दरें 15 से 20% तक बढ़ सकती हैं, जिससे मोबाइल का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा। टेलीकॉम कंपनियां हैडलाइन टैरिफ में भी बढ़ोतरी कर सकती हैं।
बता दें कि यह बढ़ोतरी प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों में देखने को मिल सकती है। कंपनियों ने नीलामी में 11,340 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब वह उस खर्चे की वसूली शुरू करेंगी। आखिरी बार हैडलाइन टैरिफ दिसंबर 2021 में बढ़ा था। उसके बाद से कंपनियों ने सिर्फ अपने बेस पैक में ही बढ़ोतरी की थी। कहा जा रहा है कि बढ़ोतरी का ऐलान सबसे पहले भारतीय एयरटेल कर सकती है।
कंपनी के शेयर पर दिख सकता है असर
एक्सिस कैपिटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गौरव मल्होत्रा कहते हैं कि टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ दर बढ़ाने का असर उनके शेयर पर देखने को मिल सकता है। उनके मुताबिक भारतीय एयरटेल का शेयर आने वाले समय में 1534 रुपए के टार्गेट को हिट कर सकता है। ऐसा ही हाल रिलायंस के शेयर में भी देखने को मिलेगा। वह भी 3512 रुपए के टार्गेट प्राइस को जल्द टच करता हुआ दिखेगा।
सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से हुई इतने की कमाई
सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 96,238 करोड़ रुपए रखा था लेकिन सरकार को दूसरे दिन नीलामी समाप्त होने तक सिर्फ 11,340.78 करोड़ रुपए की बोलियां मिली। तीनों टेलिकॉम कंपनियों ने 141.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम ही खरीदा है। मोबाइल स्पेक्ट्रम की नीलामी मंगलवार को शुरू हुई थी। दूसरे दिन बुधवार को जब नीलामी सुबह 10 बजे शुरू हुई, तो उसके कुछ घंटे बाद ही ये समाप्त हो गई। इस दो दिन की नीलामी प्रक्रिया में भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम खरीद में सबसे आगे रही। उसने कुल 6,856.76 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा।
जबकि देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने 973.62 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम की बोली लगाई। वहीं वोडाफोन आइडिया ने करीब 3,510.4 करोड़ रुपए मूल्य के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है। कुल मिलाकर इस स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार की झोली में कुल 11,340.78 करोड़ रुपए आए हैं। सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से 96,238 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी लेकिन मिला उसे सिर्फ 12 प्रतिशत ही है।