Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Sep, 2019 09:03 AM
कश्मीर में धारा-370 हटाने जाने का विरोध करने और कश्मीरियों की सुरक्षा के मसले पर रविवार को फेज-8 स्थित दशहरा ग्राऊंड में होने वाली रैली की इजाजत जिला प्रशासन ने माहौल खराब होने के डर से नहीं दी थी।
मोहाली(राणा) : कश्मीर में धारा-370 हटाने जाने का विरोध करने और कश्मीरियों की सुरक्षा के मसले पर रविवार को फेज-8 स्थित दशहरा ग्राऊंड में होने वाली रैली की इजाजत जिला प्रशासन ने माहौल खराब होने के डर से नहीं दी थी।
बावजूद इसके सैंकड़ों प्रदर्शनकारी शहर में घुस गए और जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने दावा किया था कि शनिवार रात से ही शहर सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए थे। अब सवाल उठता है कि प्रदर्शनकारी शहर में कैसे घुसे? पुलिस ने बड़ी तादाद में हिरासत में ले लिया। देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया।
फेज-8 दशहरा ग्राऊंड में प्रदर्शनकारियों ने कश्मीरी छात्रों के पक्ष में नारेबाजी की। उनके हाथों में पोस्टर थे जिस पर धारा-370 हटाने पर सवाल किए गए थे। जैसे ही इसकी भनक प्रशासन को लगी तो दशहरा ग्राऊंड में भारी पुलिस बल भेज दिया गया।
वहीं, रेलवे स्टेशन पर भी भारी संख्या में स्टूडैंट्स ने प्रदर्शन किया। वहां पर एरिया डी.एस.पी. ने स्थिति संभाली। जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो सभी को काबू कर थाने ले जाया गया। प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए 4 बसें मंगवाई गई।
पंजाब सरकार का लोक विरोधी चेहरा आया सामने
पंजाब लोक सभ्याचारक मंच के प्रधान अमोलक सिंह ने कहा कि हम कश्मीर मुद्दे पर बात करना चाहते हैं लेकिन पंजाब में सरकार ने उन्हें ऐसा करने से रोक कर अपना लोक विरोधी चेहरा दिखा दिया है। दिल्ली से आई मानव अधिकारों की पैरोकार डा. नवशरन ने कहा कि समाज में गलत होता है तो बुद्धिजीवी वर्ग को आवाज उठानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार झूठा प्रचार कर रही है कि पूरा देश कश्मीर में धारा 370 हटाने पर खुश है। पंजाब सरकार की रैली पर पाबंदी लगाना भी मानव अधिकारों पर बड़ा हमला है। नाटककार डा. साहिब सिंह, अध्यापक नेता यशपाल ने भी विरोध जताया। तर्कशील नेता रामसरवन लक्खोवाली, मुंबई के बुद्धिजीवी हर्ष ठाकुर ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किए जाने की सख्त निंदा भी की।
पहले प्रैस कॉन्फ्रैंस कर जताया विरोध :
इससे पहले संगठनों के प्रतिनिधियों ने मोहाली प्रैस क्लब में एक प्रैस कॉन्फ्रैंस की। गांधीवादी नेता और कबायली हकों के हिमायती हिमांशु कुमार ने कहा कि कश्मीरी लोगों को गैर-संवैधानिक तौर पर कई दिनों तक घरों में बंद करके दूसरे राज्यों से खुशियों का इजहार करवाया जा रहा है। कश्मीर में 40 दिनों से अखबार और इंटरनैट सेवाएं बंद पड़ी हैं।
यह एमरजैंसी से भी बड़ा हमला है, जहां कश्मीरियों के नागरिक होने का अधिकार अलोकतांत्रिक ढंग से छीना जा रहा है। कश्मीर में जमीन खरीदने और वहां की लड़कियों से शादी करवाने को बेहूदे ढंग से प्रचारित किया जा रहा है। कश्मीरी महिलाओं के बारे अभद्र टिप्पणियों पर हिमांशु ने कहा कि जो लोग कश्मीरी बेटियों पर ऐसी टिप्पणियां करते हैं, वे लोग किसी के भी सगे नहीं हो सकते।