Edited By pooja verma,Updated: 19 Dec, 2019 03:35 PM
नैशनल काऊंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एन.सी.ई.आर.टी.) की डुप्लीकेट किताबें सैक्टर-22सी की दुकान हैप्पी बुक डिपो पर जमकर बेची गई।
चंडीगढ़ (सुशील) : नैशनल काऊंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एन.सी.ई.आर.टी.) की डुप्लीकेट किताबें सैक्टर-22सी की दुकान हैप्पी बुक डिपो पर जमकर बेची गई। विजिलैंस द्वारा छापेमारी के दौरान जब्त की गई 38 एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों में से 10 डुप्लीकेट पाई गई। यह खुलासा की दिल्ली एन.सी.ई.आर.टी. लैब की जांच रिपोर्ट में हुआ।
एन.सी.ई.आर.टी. की रिपोर्ट आने के बाद विजिलैंस इंस्पैक्टर आशा शर्मा की शिकायत पर सैक्टर-17 थाना पुलिस ने हैप्पी बुक डिपो के मालिक के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के तहत फस्र्ट इन्फार्मेशन रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) दर्ज करवाई है। सैक्टर-17 थाना पुलिस जल्द ही दुकान मालिक को गिरफ्तार करेगी।
डुप्लीकेट किताबें बेचने की शिकायत मिली थी
आशा शर्मा ने बताया कि 1 अप्रैल, 2019 को उन्हें सूचना मिली थी कि शहर में कई दुकानदार एन.सी.ई.आर.टी. की जाली किताबें धड़ल्ले से बेच रहे हैं। दुकानदार एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों की खुद छपवाई कर छात्रों और आम लोगों को गुमराह कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। सूचना मिलते ही डी.एस.पी. विजिलैंस दीपक यादव ने दुकानों पर छापा मारने के लिए स्पैशल टीम बनाई। टीम में डी.एस.पी. दीपक यादव, एन.सी.ई.आर.टी. दिल्ली की तरफ से विजिलैंस एवं सिक्योरिटी अफसर आशुतोष मिश्रा और असिस्टैंट प्रोडक्शन अफसर विनोद कुमार शामिल हुए।
रमेश बुक डिपो की किताबें सही पाई गई
विजिलैंस टीम ने सैक्टर-22सी के हैप्पी बुक डिपो, सैक्टर-22 डी के हैप्पी बुक डिपो और सैक्टर 23सी के रमेश बुक डिपो पर छापा मारा। छापे के दौरान विजिलैंस टीम ने हैप्पी बुक डिपो से 38 किताबें और रमेश बुक डिपो से चार किताबें जब्त की। इस दौरान विजिलैंस ने दुकानदारों के बयान दर्ज किए और वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी करवाई। 11 अप्रैल को जब्त किताबें जांचने के लिए दिल्ली स्थित एन.सी.ई.आर.टी. लैब में भेजी।
दो मई, 2019 को दिल्ली एन.सी.ई.आर.टी. लैब से रिपोर्ट आई कि सैक्टर 22सी के हैप्पी बुक डिपो से जब्त की एन.सी.ई.आर.टी.की 38 किताबों में से 10 डुप्लीकेट हैं। रमेश बुक डिपो की चारों जब्त किताबें एन.सी.ई.आर.टी. की ही थी। दुकानदार पर मामला दर्ज करने के लिए विजिलैंस ने लीगल राय लेने के लिए केस डी.ए. के पास भेजा। लीगल राय आने के बाद विजिलैंस ने मामला दर्ज किया।
एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स बेचने के लिए सिर्फ दो ही बुक स्टोर अथॉराइज्ड
114 सरकारी और 80 के करीब प्राइवेट स्कूलों में करीब दो लाख स्टूडैंट्स को एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स पढ़ाई जाती हैं। नया सत्र शुरू होने के बाद से एन.सी.ई.आर.टी. किताबों की कमी थी। इन किताबों की कमी के कारण ही नकली प्रकाशकों ने मौके पर फायदा उठाकर मनमानी शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि शहर में मात्र दो ही एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स बेचने के लिए अथॉराइज्ड बुक स्टोर हैं।