Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 18 Feb, 2025 09:10 AM
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया को जटिल बनाने की जरूरत नहीं है। सही जानकारी और तैयारी के साथ, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आवश्यक मदद प्राप्त करते हुए एक सुचारू
चंडीगढ़। हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया को जटिल बनाने की जरूरत नहीं है। सही जानकारी और तैयारी के साथ, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आवश्यक मदद प्राप्त करते हुए एक सुचारू, बिना किसी परेशानी के क्लेम फ़ाइल करने का अनुभव हो। यहाँ एक विस्तार से तैयार की गई गाइड है, जिससे आप आम गलतियों से बचें और अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का भरपूर लाभ उठा सकें। यह लेख आपको खरीदारी से पहले और बाद में उठाए जाने वाले स्टेप्स की पूरी जानकारी प्रदान करता है, साथ ही भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नवीनतम अपडेट से भी परिचित कराता है।
सुगम क्लेम प्रक्रिया के लिए मजबूत नींव तैयार करना
1. अपनी पॉलिसी को अच्छी तरह से जानें: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले, कवरेज के डिटेल्स यानि क्या-क्या कवर होता है, विशिष्ट बीमारियों या पूर्व-मौजूद बिमारियों (PEDs) के लिए प्रतीक्षा अवधि क्या है, और कमरे के किराये की सीमाएँ जैसी लागत-संबंधी सीमाओं, की पूरी जानकारी प्राप्त करें। साथ ही, IRDAI की अपडेट की गई कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट (CIS) को ध्यान से पढ़ें, जो इन शर्तों का सरल और स्पष्ट ओवरव्यू प्रदान करती है।
2. क्लेम सेटलमेंट रेशियो और को-पेमेंट डिटेल्स देखें: किसी भी इंश्योरर के क्लेम सेटलमेंट रेशियो पर नज़र डालें, जिससे आप उनके क्लेम सेटलमेंट के रिकॉर्ड से परिचित हो सकें। साथ ही, को-पेमेंट क्लॉज़ को समझें – जहाँ पॉलिसीधारक को क्लेम की कुछ राशि खुद चुकानी पड़ सकती है – ताकि क्लेम के समय किसी भी अप्रत्याशित खर्च से बचा जा सके।
3. नो-क्लेम बोनस (NCB) विकल्प चुनें: ऐसी पॉलिसी चुनें जिसमें आपको नो-क्लेम बोनस मिलता है, जो आपको प्रत्येक क्लेम-मुक्त वर्ष के लिए बढ़ी हुई कवरेज प्रदान करती हैं। यदि आप क्लेम फ़ाइल नहीं करते हैं, तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
4. कमरे के किराये की सीमाओं पर ध्यान दें: हॉस्पिटल में भर्ती के दौरान कमरे के अपग्रेड पर अपने पैसे खर्च करने से बचने के लिए, ऐसी पॉलिसी चुनें जिसमें कमरे के किराये की सीमा अधिक या बिल्कुल न हो। खरीदारी से पहले इन सीमाओं को समझ लेना, अनचाहे खर्चों से बचने में मददगार होगा।
सुगम क्लेम अनुभव सुनिश्चित करने के उपाय
1. कैशलेस क्लेम्स के लिए नेटवर्क हॉस्पिटल चुनें: नेटवर्क हॉस्पिटल का चयन करने से क्लेम की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है, क्योंकि इसमें आपको कैश में पेमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ती – इंश्योरर सीधे हॉस्पिटल के बिल का पेमेंट करती है। आपातकालीन हॉस्पिटलाइजेशन के मामले में, 24 घंटे के अंदर ही अपने इंश्योरर या थर्ड-पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) को सूचना दें, और प्लान किए गए एडमिशन के लिए, कम से कम दो से तीन दिन पहले सूचित करें।
2. डॉक्यूमेंट हमेशा तैयार रखें: सफल क्लेम के लिए सही और संपूर्ण डॉक्यूमेंटेशन बेहद ज़रूरी है। सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट हों:
○ डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन
○ लैब टेस्ट के रिपोर्ट्स
○ डिटेल हॉस्पिटल बिल और डिस्चार्ज समरी; दुर्घटना संबंधी क्लेम के लिए, सटीक डॉक्यूमेंटेशन अत्यंत आवश्यक है ताकि किसी भी देरी या अस्वीकृति से बचा जा सके।
3. रिलेशनशिप मैनेजर सपोर्ट का सहयोग लें: कई इंश्योरर और ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर प्रदान करते हैं, जो क्लेम की प्रक्रिया में डॉक्यूमेंटेशन से लेकर क्लेम फ़ाइल करने तक आपकी मदद कर सकते हैं। जल्द और सुचारू समाधान के लिए उनसे गाइडेंस लें।
4. जानकारी के मामले में पारदर्शी रहें: पॉलिसी खरीदते समय और क्लेम के दौरान हमेशा पूरी और सही जानकारी दें। पूर्व-मौजूद रोग, पारिवारिक मेडिकल हिस्ट्री या पिछली सर्जरी को छुपाना क्लेम अस्वीकृति का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई स्थिति छुपी हुई बीमारी से जुड़ी है, तो वह प्री-एक्ज़िस्टिंग प्रतीक्षा अवधि के अंतर्गत आ सकता है और क्लेम अस्वीकार हो सकता है।
5. कमरे के किराये संबंधी नियमों का पालन करें: अपनी पॉलिसी में निर्धारित कमरे के किराये की सीमा से अधिक के कमरे न चुनें । महँगे कमरे चुनने से डॉक्टर की फीस और दवाओं के लिए अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है। हमेशा अपने इंश्योरर या ब्रोकर से अपने कमरे की योग्यता कन्फर्म करें।
6. प्लान किए गए ट्रीटमेंट के लिए खर्च का अनुमान और सलाह लें: प्लान किए गए ट्रीटमेंट कराने से पहले, विभिन्न हॉस्पिटल से खर्च का अनुमान लें और अपने इंश्योरर या ब्रोकर से परामर्श करें, ताकि आप ऐसी सुविधा चुन सकें जो आपकी पॉलिसी कवरेज के अनुरूप हो। यह आपके खुद के खर्चों को कम करने में मदद करता है और उन शुल्कों को लेकर इंश्योरर के साथ विवाद से बचाता है जिन्हें अनुचित माना जाता है।
7. अनावश्यक हॉस्पिटलाइजेशन से बचें: यह सुनिश्चित करें कि आउटपेशेंट केयर को गलती से इन-पेशेंट हॉस्पिटलाइजेशन में न बदल दिया जाए। सही क्लेम के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट जैसे डायग्नोस्टिक रिपोर्ट और डॉक्टर के सर्टिफिकेट जैसे सहायक सबूत एकत्र करें।
8. डिजिटल टूल्स और तकनीकी प्रगति से अपडेट रहें: इंश्योरर द्वारा दी गई डिजिटल सुविधाओं, जैसे क्लेम फ़ाइलिंग और स्टेटस ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप्स, को अपनाएँ। ये टूल्स क्लेम की प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाते हैं।
9. संशय होने पर सहायता लें: यदि क्लेम की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना करें, तो अपने इंश्योरर की हेल्पलाइन या ग्राहक सेवा से संपर्क करें। अनसुलझे मुद्दों के समाधान के लिए, उन्हें इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास ले जाया जा सकता है।
अपनी पॉलिसी को अच्छे से समझकर, नेटवर्क हॉस्पिटल्स का चयन कर, सही डॉक्यूमेंटेशन बनाए रखकर, रिलेशनशिप मैनेजर का सहयोग लेकर और हॉस्पिटल चुनने में सक्रिय रहकर, आप हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया को आसानी से और आत्मविश्वास के साथ मैनेज कर सकते हैं। इसके अलावा, PhonePe जैसे प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके सही हेल्थ इंश्योरेंस का चयन और खरीदने की प्रक्रिया को काफी आसान बनाया जा सकता है।