Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 09:11 AM
नगर निगम जल्द शहर के धोबी घाटों को रैनोवेट करेगा। मेयर देवेश मोदगिल ने कहा कि शहर में जितने भी धोबी घाट हैं उनके रैनोवेशन के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
चंडीगढ़(राय) : नगर निगम जल्द शहर के धोबी घाटों को रैनोवेट करेगा। मेयर देवेश मोदगिल ने कहा कि शहर में जितने भी धोबी घाट हैं उनके रैनोवेशन के लिए कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में जिन पार्षदों के एरिया में धोबी घाट पड़ते हैं उन्हें उसमें शामिल कर उनका सर्वे करवाने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कई वर्षों से इनके रैनोवेशन का मामला लटका पड़ा है लेकिन अब इन पर जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले भी कई वर्षों से यह तैयारी चल रही है लेकिन आज तक एक भी धोबी घाट रैनोवेट नहीं हो पाया है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी निगम ने घाटों के रैनोवेशन के लिए बजट में पैसा रखा था। अब स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर चंडीगढ़ के धोबी घाटों को अत्याधुनिक बनाने की फिर योजना बनाई है।
पायलट प्रोजैक्ट के रूप में सैक्टर-15 के धोबी घाट का जो आधुनिकीकरण किया गया उसकी हाल जाने बिना ही निगम अधिकारियों ने इसके लिए प्रावधान कर दिया। संबंधित पार्षदों ने भी कहा कि धोबी घाटों की हालत खस्ता है और कई तो गिरने की स्थिति में हैं। चंडीगढ़ में पिछले छह दशकों से स्थापित धोबी घाटों की कायाकल्प की परियोजनाएं तो बनती हैं पर उन पर अमल कम ही होता है। चंडीगढ़ नगर निगम ने वर्ष 2007 में जिस महत्वाकांक्षा के साथ शहर के धोबी घाटों का नवीनीकरण आरंभ किया था उसी गति से वह परियोजना ठंडे बस्ते में भी चली गई।
2007 में आधुनिक धोबी घाट की पायलट परियोजना सैक्टर-15 में हुई थी शुरू :
वर्ष 2007 में आधुनिक धोबी घाट की पायलट परियोजना सैक्टर-15 में शुरू की गई थी। क्षेत्र के निवासियों और पेइंग गैस्ट के रूप में रह रहे छात्रों की एक बड़ी संख्या को देखते हुए इस परियोजना की शुरूआत सैक्टर-15 से की गई थी, लेकिन इस परियोजना को अचानक 2008 में बंद कर दिया गया। चंडीगढ़ नगर निगम की महत्वाकांक्षी परियोजना के बिजली के बिलों का भुगतान न होने की वजह बंद करना पड़ा।