NEET स्टूडेंट्स के हक़ के लिए Dr Vivek Bindra ने किए सीधे सवाल

Edited By Deepender Thakur,Updated: 13 Jun, 2024 05:28 PM

dr vivek bindra asked direct questions to nta for the rights of neet students

नीट (NEET) 2024 के रिजल्ट्स आने के बाद से ही पूरे देश में एक हंगामा खड़ा हो गया है।

नई दिल्ली । नीट (NEET) 2024 के रिजल्ट्स आने के बाद से ही पूरे देश में एक हंगामा खड़ा हो गया है। जिसके बारे में अब मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा ने अपनी रिसर्च के साथ एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की है जिसमें इस पूरे मामले को डिटेल में समझाया है। 4 जून को जब NEET का रिजल्ट आया तो 100 परसेंट मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स भी AIIMS में एडमिशन लेने के लिए एलिजिबल नहीं थे क्योंकि एक या दो नहीं बल्कि 67 कैंडिडेट्स ने इस बार टॉप किया। एक ही सेंटर के 6 स्टूडेंट्स टॉपर रहे जिससे पेपर लीक होने जैसे सवाल खड़े हो गए। इस पूरे विवाद में सबसे ज्यादा नुकसान स्टूडेंट्स को उठाना पड़ रहा है। इस मामले में NTA यानि कि National Testing Agency पर कई सारे सवाल उठाए जा रहे हैं। क्या है इस मामले का असली सच ये जानने के लिए डॉ विवेक बिंद्रा ने NTA के ऑफिशियल्स से भी बात की और कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब ढूंढे।

NEET 2024 के इस एग्जाम में 24 लाख स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। इस एग्जाम को देशभर के 4750 सेंटर्स पर करवाया गया, इन्हीं में से कुछ सेंटर्स पर एग्जाम के समय हुई कुछ कमियां सामने आईं जैसे टाइम लॉस, डमी कैंडिडेट्स और पेपर लीक। इस बारे में जब डॉ विवेक बिंद्रा ने खासतौर पर NTA के ऑफिशियल्स से बात की तो उन्हें पता चला कि NTA तो खुद अब तक 40 से ज्यादा डमी कैंडिडेट्स को पकड़वा चुका है और माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं।

14 की जगह 4 जून को क्यों आया NEET का रिज़ल्ट, क्या इसके पीछे है कोई साजिश?

इस NEET रिज़ल्ट के बारे में एक और सवाल ये भी उठा कि जो रिजल्ट 14 जून को आने वाला था वो 10 दिन पहले इलेक्शन रिजल्ट के दिन क्यों अनाउंस किया गया? क्या इसके पीछे भी कोई साजिश थी? इस सवाल का जवाब ये है कि NTA की तरफ से कहा गया था कि NEET की परीक्षा का ये रिजल्ट 14 जून या फिर उससे पहले कभी भी आ सकता है लेकिन समझा ये गया कि रिजल्ट 14 जून को आएगा। जबकि रिजल्ट जल्दी आने का कारण सिर्फ यही है कि सारा प्रोसेस जल्दी ख़त्म हो गया इसीलिए रिजल्ट भी जल्दी ही अनाउंस कर दिया गया। 

एक बड़ा सवाल ये भी है कि इतने बड़े कॉम्पिटेटिव एग्जाम में 67 स्टूडेंट्स के 100% मार्क्स कैसे आ गए जबकि पिछले साल इसी एग्जाम में सिर्फ 2 ही स्टूडेंट्स टॉपर रहे थे। इन 67 स्टूडेंट्स में से 44 स्टूडेंट्स को उत्तर कुंजी विसंगतियों (Answer Key Discrepancies) का फायदा मिला, जिसे स्टूडेंट्स ने चैलेंज भी किया। लेकिन एक्सपर्ट्स ने चैलेंजिंग सवालों के दोनों ऑप्शंस को सही माना जिसके कारण इतने सारे स्टूडेंट्स को ज्यादा मार्क्स हासिल हुए। 6 स्टूडेंट्स को लॉस ऑफ टाइम की वजह से कॉमपेंसेटरी मार्क्स दिए गए तो वहीं 17 स्टूडेंट्स ऐसे थे जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से पूरे पूरे मार्क्स हासिल किए। 

आखिर क्यों 1563 स्टूडेंट्स को दिए गए कॉमपेंसेटरी मार्क्स?

सवाल उठ रहा है अब उन 1563 स्टूडेंट्स पर जिन्हें एग्जाम सेंटर की गलती के कारण कॉमपेंसेटरी मार्क्स दिए गए। इस पर डॉ विवेक बिंद्रा का कहना है कि स्टूडेंट्स के साथ पूरी तरह से न्याय होना चाहिए इसीलिए इन 1563 स्टूडेंट्स का फिर से एग्जाम करवाया जाना चाहिए। हालांकि इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट्स के हक़ में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब इन सभी 1563 स्टूडेंट्स को फिर से एग्जाम देना होगा। जिसके बाद इस एग्जाम के रिजल्ट और NTA पर जो सवाल उठे हैं वो अपने आप ही ख़त्म हो जायेंगे। बाकी अगर स्टूडेंट्स के इस पूरे मामले से जुड़े कोई सवाल हैं तो वो NTA की ईमेल आईडी neet@nta.ac.in पर ईमेल करके अपने सवाल पूछ सकते हैं। इस बारे और भी डिटेल में जानने के लिए आप डॉ विवेक बिंद्रा के चैनल पर उनकी इस विडियो को भी देख सकते हैं।

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