डॉ विवेक बिंद्रा ने शुरू की “टायकून्स ऑफ इंडिया” सीरीज, सुनाई आनंद महिंद्रा की सक्सेस स्टोरी

Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 21 Aug, 2024 01:39 PM

dr vivek bindra narrated the success story of anand mahindra

टायकून्स ऑफ इंडिया में डॉ विवेक बिंद्रा ने सुनाई आनंद महिंद्रा की सक्सेस स्टोरी

चंडीगढ़। मोटिवेशनल स्पीकर और बिजनेस कोच डॉ विवेक बिंद्रा अपने यूट्यूब चैनल के ज़रिए सालों से देशभर के लोगों को लर्निंग और बिजनेस लेसन देते आए हैं। हाल ही में उन्होंने देश के सबसे सफलतम बिजनेस टायकून्स से जुड़ी एक सीरीज को शुरू किया है। इस सीरीज के पहले एपिसोड में डॉ बिंद्रा ने देश के सबसे सफल बिजनेसमेंस में से एक और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के बारे में बात की है।
 
इस वीडियो में डॉ बिंद्रा ने आनंद महिंद्रा की बिजनेस जर्नी से जुड़ी ज़रूरी बातों का जिक्र किया। आनंद महिंद्रा के दादा जगदीश महिंद्रा ने “महिंद्रा एंड महिंद्रा” ग्रुप की शुरुआत की थी। इसीलिए शुरुआत से ही आनंद महिंद्रा को आस पास के लोग कहा करते थे कि उन्हें सफलता हासिल करने के लिए कभी कोई संघर्ष करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि उनके पास विरासत में मिला बिजनेस एंपायर है।
 
परिवार के पैसे पर नहीं, अपने हुनर पर किया भरोसा
 
इसीलिए आनंद महिंद्रा ने अपनी काबिलियत खुद साबित करने का फैसला किया और परिवार के बिजनेस से हटकर कुछ करने का सोचा। उन्होंने अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी जाकर फोटोग्राफी और फिल्मेकिंग का कोर्स किया जिसका महिंद्रा ग्रुप के बिजनेस से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था। इस पढ़ाई को करने के बाद उन्होंने कुंभ मेले पर एक फिल्म बनाई जिसे कई सारे अवार्ड्स मिले और आनंद महिंद्रा को अपनी एक अलग पहचान मिली।
 
बाद में उन्होंने हावर्ड से ही MBA किया और फिर अपने फैमिली बिजनेस को ज्वाइन किया। यहां भी उन्होंने कंपनी को पहले एक इंटर्न के तौर पर ज्वाइन किया और सालों तक अपनी काबिलियत साबित करने के बाद चेयरमैन बनने तक का सफ़र तय किया। उनकी काबिलियत का सबूत ये हैं कि 1991 में महिंद्रा ग्रुप का रेवेन्यू सिर्फ 1250 करोड़ हुआ करता था जो आज 2024 में बढ़कर 1.20 लाख करोड़ हो चुका है।
 
विदेशी कंपनीज के आगे नहीं मानी हार, बना डाली भारत के सबसे फेमस कार
 
1991 में जब भारत में विदेशी गाड़ियां अपने फीचर्स से देशभर के लोगों का दिल जीत रही थी और भारतीय कंपनीज उनसे हार रही थी तब आनंद महिंद्रा ने फोर्ड के साथ मिलकर Escort नाम एक कार लॉन्च की। ये कार बुरी तरह से पिट गई क्योंकि उसकी मशीनरी और डिजाइन लोगों को पसंद नहीं आई थी। तब एक नई कार डिजाइन करने के लिए वो ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के ग्रैंड फादर माने जाने वाले पवन गोयनका से मिले।
 
आनंद महिंद्रा ने पवन गोयनका से कहा कि वो एक ऐसी कार बनाना चाहते हैं जिसमें भारत में रहने वाली ज्वाइंट फैमिलीज एक साथ सफर कर सकें। एक ऐसी गाड़ी जिसमें एकसाथ नौ से दस सीट्स मौजूद हों उसे बनाने में कितना खर्च आएगा आनंद महिंद्रा ने पूछा। जवाब में पवन गोयनका ने कहा ऐसी गाड़ी बनाने में हज़ार करोड़ का खर्चा आएगा। ये खर्च देखकर सारे इंवेस्टर भी पीछे हट गए लेकिन आनंद महिंद्रा ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते गए। इसी मेहनत का नतीजा ये हुआ कि साल 2002 में उन्होंने स्कॉर्पियो कार लॉन्च की जो महिंद्रा ग्रुप की सबसे सफल कार साबित हुई और आज तक है। यही कार महिंद्रा ग्रुप के लिए गेम चेंजर साबित हुई।
 
आज आनंद महिंद्रा देश के सबसे सफल बिजनेसमेंस की लिस्ट में शामिल हैं, वो एक ऐसे व्यक्ति हैं जो देश की जनता में नया टैलेंट ढूंढते रहते हैं और उन्हें बढ़ावा भी देते हैं। आनंद महिंद्रा के बिजनेस और पर्सनल लाइफ से जुड़ी ऐसी कई और कहानियां भी डॉ विवेक बिंद्रा ने अपने यूट्यूब वीडियो में शामिल की हैं। ये वीडियो आप उनके चैनल पर जाकर देख सकते हैं। भारत के बिजनेस टायकून्स के बारे में शुरू की गई ये सीरीज डॉ बिंद्रा अगले 52 हफ्तों तक चलाने जा रहे हैं जिसमें सभी बड़े बिजनेस टायकून्स की कहानियां वो शेयर करेंगे।

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