Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 11 Feb, 2025 10:59 PM
![huzefa vana reached gandhi smriti discussed social concerns](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_22_58_499871621huzefavana-ll.jpg)
गांधी स्मृति, जहां महात्मा गांधी ने अपने अंतिम दिन बिताए थे, ऐतिहासिक रूप से विचार-विमर्श और सामाजिक चिंतन का केंद्र रहा है।
प्रसिद्ध व्यवसायी और समाजसेवी हुज़ैफा वाना हाल ही में गांधी स्मृति पहुंचे, जहां उन्होंने इतिहासकारों, समाजसेवकों और सामुदायिक नेताओं के साथ संवाद किया। गांधी स्मृति, जहां महात्मा गांधी ने अपने अंतिम दिन बिताए थे, ऐतिहासिक रूप से विचार-विमर्श और सामाजिक चिंतन का केंद्र रहा है।
व्यवसाय और समाज के बीच संतुलन बनाने की उनकी रुचि के चलते हुज़ैफा की यह यात्रा कई लोगों के लिए दिलचस्प रही। चर्चा के दौरान उन्होंने सतत (sustainable) व्यापारिक मॉडल और सामाजिक विकास में उद्यमियों की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उनका मानना है कि कारोबार सिर्फ मुनाफे तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका व्यापक सामाजिक प्रभाव भी होना चाहिए।
हुज़ैफा वाना लंबे समय से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। ग्रामीण और वंचित समुदायों तक संसाधन पहुंचाने की उनकी कोशिशें कई स्तरों पर देखी गई हैं। गांधी स्मृति में उनकी यह उपस्थिति भी इसी सिलसिले की एक कड़ी मानी जा सकती है, जहां उन्होंने सामाजिक बदलाव और जिम्मेदारी पर बातचीत की।
इस तरह की यात्राएं और संवाद व्यवसाय, समाज और इतिहास के जुड़ाव को समझने का अवसर देती हैं। हुज़ैफा की यह मुलाकात भी इसी दिशा में एक कदम रही, जहां उन्होंने विभिन्न लोगों से मुलाकात कर अपने अनुभव साझा किए और विचार-विमर्श किया।