अगर भर्ती घोटालों में सरकार संलिप्त नहीं तो जांच से संकोच क्यों? : हुड्डा

Edited By ashwani,Updated: 29 Nov, 2021 06:50 PM

if the government is not involved why hesitate to investigate

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा बोले, अपने घोटाले छिपाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार पर बेतुके आरोप लगा रही मौजूदा सरकार

चंडीगढ़ : नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एच.पी.एस.सी. और एच.एस.एस.सी. में भ्रष्टाचार चरम पर है। बावजूद इसके सरकार उच्च स्तर पर बैठे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही। इस सरकार के मैरिट और पारदर्शिता वाले दावे की पोल खुल चुकी है। दोनों ही चीजें नोटों में बिक रही हैं। एच.पी.एस.सी. घोटाले में 23 नवंबर को कोर्ट की टिप्पणी से भी स्पष्ट है कि सरकार सही तरीके से पूरे मामले की जांच नहीं कर रही है। इसलिए आयोग के चेयरमैन को बर्खास्त कर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। अगर इस घोटाले में सरकार की भागीदारी नहीं है तो उसे जांच से संकोच नहीं करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि असली मुद्दे से भटकाने और अपने घोटालों को दबाने के लिए मौजूदा सरकार पूर्ववर्ती सरकार पर बेतुके आधारहीन आरोप लगा रही है। जबकि, कांग्रेस कार्यकाल के दौरान किसी भर्ती पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। सिर्फ तकनीकी आधार पर कुछ भर्तियों को रद्द किया गया। वहीं दूसरी ओर मौजूदा सरकार में ताबड़तोड़ घोटालों की वजह से एक के बाद एक भर्तियों को रद्द करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि जिन लोगों पर मुख्यमंत्री भर्ती घोटाला करने का आरोप लगाते हैं, आज उन्हीं के समर्थन से सरकार चला रहे हैं।


11 की बजाय 26 दिसंबर को नूंह में होगा विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम 
हुड्डा ने बताया कि 12 दिसम्बर की दिल्ली रैली के चलते 11 को नूंह में होने वाले विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। 12 तारीख को हमारी पार्टी की दिल्ली में महंगाई के खिलाफ बड़ी रैली है। इसलिए अब 26 दिसंबर को नूंह में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम होगा।

कृषि को लाभकारी बनाने के लिए स्वामीनाथन के सी-2 फार्मूले पर एम.एस.पी. दे सरकार
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले पर हुड्डा ने दोहराया कि यह देर से लिया गया दुरुस्त फैसला है। अब सरकार को किसानों के बाकी मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए और कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। कृषि को लाभकारी बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों की वर्किंग कमिटी का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई सिफारिशें की थी। इनमें से एक थी स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले पर किसानों को एम.एस.पी. देना। हुड्डा ने याद दिलाया कि देश में सबसे पहले उनके पिता स्व. रणबीर सिंह हुड्डा ने 23 नवंबर, 1948 में एम.एस.पी. की मांग उठाई थी, जिसे बाद में अमलीजामा पहनाया गया। अब सरकार को इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एम.एस.पी. गारंटी का कानून बनाना चाहिए। तभी कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है। हुड्डा ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को खारिज करने और शहीद किसानों के परिवारों को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग भी दोहराई।

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