Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 05 Feb, 2025 03:21 PM
सिगरेट विक्रेताओं की यह भी जांच की गई कि क्या वे आयातित ब्रांड बेचते हैं जिनके पास लीगल मेट्रोलॉजी पैकेज्ड कमोडिटीज नियमों के अनुसार आवश्यक घोषणाएं नहीं हैं।
चंडीगढ़। बुधवार, 5 फरवरी को निरीक्षक विधिक माप विज्ञान नवनीत कुमार एवं ललित मोहन द्वारा सेक्टर 7 एवं 17 में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में चेकिंग की गयी। सिगरेट विक्रेताओं की यह भी जांच की गई कि क्या वे आयातित ब्रांड बेचते हैं जिनके पास लीगल मेट्रोलॉजी पैकेज्ड कमोडिटीज नियमों के अनुसार आवश्यक घोषणाएं नहीं हैं। कुल 9 दुकानों की जांच की गई। सेक्टर 7 में 1 दुकान में इंपोर्टेड ब्रांड की सिगरेट मिलीं और 5000 रुपये की कंपाउंडिंग की गई है।
चंडीगढ़ की आबादी लगभग 11 लाख है, जिसमें बच्चों, महिलाओं सहित एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो स्मोकिंग नहीं करता। इसके बावजूद, यहां हर महीने करीब 15 करोड़ रुपए की सिगरेट का कारोबार हो रहा है।
फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में नकली उत्पादों के कारण भारत सरकार को 39,239 करोड़ रुपए के राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है। 2012 में यह नुकसान 26,190 करोड़ रुपए था। अवैध सिगरेट के चलते ही सरकार को कुल 9,130 करोड़ रुपए के राजस्व से हाथ धोना पड़ा है।