गैरकानूनी व्यापार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है जरूरी

Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 21 Aug, 2024 04:42 PM

international cooperation is necessary to combat illegal trade

इस कॉन्फ्रेंस में ब्रांड के मालिकों, रैगुलेटर्स, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सरकार, नीति निर्माताओं, और सुरक्षा समाधान प्रदाताओं ने हिस्सा लिया और सरकार, ब्रांड एवं समाज पर गैरकानूनी व्यापार के प्रभाव के बारे में चर्चा की।

हाल ही में एशिया सिक्योरिटीः एंटी-काउंटरफीटिंग, ट्रेडमार्क, एवं ब्रांड प्रोटेक्शन कॉन्फ्रेंस में दिए अपने भाषण में रोडनी वान डूरेन, अध्यक्ष - गैरकानूनी व्यापार रोकथाम, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल ने बताया कि गैरकानूनी व्यापार को रोकने के लिए कड़े रैगुलेशन और नियमों का अनुपालन लागू करने के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी व्यापार की केवल रोकथाम करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे रोकने के लिए रैगुलेशन और नियमों को लागू करना भी उतना ही आवश्यक है। दिल्ली में 23 और 24 जुलाई को आयोजित हुई दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस ‘‘द पॉवर ऑफ कोलाबोरेशन एंड यूनिटी इन फाईट अगेंस्ट इलिसिट ट्रेड एंड काउंटरफीटिंग’’ विषय पर केंद्रित थी। इस कॉन्फ्रेंस में ब्रांड के मालिकों, रैगुलेटर्स, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सरकार, नीति निर्माताओं, और सुरक्षा समाधान प्रदाताओं ने हिस्सा लिया और सरकार, ब्रांड एवं समाज पर गैरकानूनी व्यापार के प्रभाव के बारे में चर्चा की।

जिस देश में गैरकानूनी व्यापार शुरू होता है, जिससे गुजरता है और जिस देश में यह पहुँचता है, उन सभी देशों की सरकारों के बीच सहयोग की जरूरत पर बल देते हुए रोडनी वान डूरेन, अध्यक्ष, गैरकानूनी व्यापार रोकथा, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) ने कहा, ‘‘विश्व में उपभोग किया जाने वाला लगभग 12 प्रतिशत सिगरेट गैरकानूनी है, जिससे पूरी दुनिया की विभिन्न सरकारों को 40.5 बिलियन डॉलर के टैक्स का नुकसान होता है। यूरोमॉनिटर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में उपभोग किए जाने वाले हर चार में से एक सिगरेट गैरकानूनी है, जिसके कारण देश को लगभग 2 बिलियन डॉलर के टैक्स का नुकसान होता है। दुनिया में नकली और प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी करने के कई मार्ग हैं, इसलिए यह चुनौती किसी एक देश की नहीं, बल्कि हर देश की है, जिसके लिए सभी देशों को मिलकर समाधान निकालना होगा।’’
उन्होंने बताया कि गैरकानूनी व्यापार का जाल किस प्रकार एसियान देशों और उनके बाहर हर कोने में फैला हुआ है, जिससे उन सभी देशों के गैरकानूनी व्यापार करने वाले जुड़े हुए हैं, जहाँ से यह उत्पन्न होता है। तम्बाकू के खेत, जहाँ तम्बाकू के पत्तियों की खेती होती है, या फिर व्यस्त शहर, जहाँ नकली और गैरकानूनी सिगरेट का उत्पादन होता है, जिन देशों से यह व्यापार होकर गुजरता है, और जिन देशों में यह पहुँचता है, उन सभी तक यह जाल फैला हुआ है। गैरकानूनी सिगरेट के व्यापार से बेईमान लोगों को काफी लाभ मिलता है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या गैरकानूनी व्यापार को रोकने के लिए इन सभी के बीच सहयोग आवश्यक है? इसका उत्तर उन सभी मार्गों से मिलेगा, जिससे वो जुड़े हुए हैं। गैरकानूनी व्यापार एक मकड़ी के जाल की तरह होता है, जो उसके हर तंतु के बीच नाजुक संतुलन पर टिका होता है। उनके बीच एक तंतु नष्ट होते ही पूरी संरचना ढह जाती है।’’
गैरकानूनी व्यापार से निपटने की पीएमआई की रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें ध्यान शोध एवं खुफिया जानकारी, सप्लाई चेन की सुरक्षा करने, कानून प्रवर्तन के साथ साझेदारियों, सहयोग एवं जागरुकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अपने सुझाव साझा करते हुए और गैरकानूनी व्यापार की अंतर्राष्ट्रीय समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए रोडनी ने कहा, ‘‘प्राधिकरणों को विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के प्रावधानों और मौजूदा मुक्त व्यापार समझौतों के अंतर्गत भारत सहित उन देशों में जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है, जहाँ से अवैध व्यापार उत्पन्न हो रहा है, और गुजर रहा है, ताकि वो अपने देश में हो रही गतिविधियों की जिम्मेदारी ले सकें। अगला सुझाव है न्यायक्षेत्र में आने वाली कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा नियमों के क्रियान्वयन एवं ऐसा न होने पर पैनल्टी द्वारा एसियान देशों में मौजूदा गोल्ड स्टैंडर्ड नियमों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना।
नियमों को अपनाए जाने के लिए निर्माताओं और निर्यातकों को सुनिश्चित करना होगा कि निर्यात की जाने वाली वस्तुएं उस देश के नियमों के अनुपालन में हों, जहाँ वो भेजी जा रही हैं। साथ ही शिपमेंट को भेजे जाने के दौरान ऐसे नियमों को अपनाया जाए, जिनके अंतर्गत उचित कानून प्रवर्तन एजेंसी आईपी-उल्लंघन की या कस्टम विभाग संदिग्ध शिपमेंट की जाँच कर अपने न्यायाधिकार का उपयोग कर सके। और अंत में वैध उद्योग एवं इंटर-लॉ प्रवर्तन एजेंसी के सहयोग से घरेलू प्रवर्तन को और ज्यादा मजबूत बनाया जाना चाहिए।’’
इस कॉन्फ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने चर्चा में हिस्सा लेकर विभिन्न उद्योगों में नकली सामान और गैरकानूनी व्यापार के मामले में लेटेस्ट ट्रेंड्स, प्रगतियों, चुनौतियों, और समाधानों के बारे में बताया। इससे एशिया-पैसिफिक क्षेत्र पर केंद्रित रहते हुए प्रभावी रणनीतियों, सफल केस अध्ययनों, और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के बारे में गहन चर्चा करने का अवसर मिला।

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