Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 02:44 PM
![kaushalya dam](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2017_7image_14_45_50671200013897333096_cd71c0b78d_-ll.jpg)
बरसात का मौसम है, बारिश की बूंदों ने सुखना में पानी की कमी को पूरा कर दिया है , लेकिन ये बूंदे कौशल्या डैम की प्यास नहीं बुझा पा रहीं। कौशल्या डैम के निर्माण के 5 वर्ष बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि मानसून के मौसम में भी जलाशय का वाॅटर लेवल अब तक के...
पंचकूला : बरसात का मौसम है, बारिश की बूंदों ने सुखना में पानी की कमी को पूरा कर दिया है , लेकिन ये बूंदे कौशल्या डैम की प्यास नहीं बुझा पा रहीं। कौशल्या डैम के निर्माण के 5 वर्ष बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि मानसून के मौसम में भी जलाशय का वाॅटर लेवल अब तक के न्यनतम स्तर पर बना हुआ है। विभाग हर रोज पानी का स्तर मापता है। इस वर्ष 27 अप्रैल को आखिरी बार वाॅटर लेवल 459.10 मीटर दर्ज किया गया था। जबकि उसके बाद बारिश के बावजूद पानी स्केल को छूतक नहीं पाया है। अभी भी पानी का स्तर स्केल से एक फुट नीचे है।
29 जुलाई 2016 को कौशल्या डैम का जलस्तर 461.67 मीटर था, जबकि जुलाई 2015 में 466.50 मीटर था। दो वर्ष पूर्व अच्छी बारीश के चलते अगस्त-2015 में डैम का पानी खतरे के निशान 478 मीटर से ऊपर पहुंच गया था गत वर्ष कमजोर मानसून के कारण सितंबर तक जलस्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे ही रहा था। बावजूद इसके पंचकूला को लगातार 10 महीनों तक पानी सप्लाई जारी रखी थी।
अगली गर्मियां हो सकती हैं प्यासी :
बता दें कि डैम से पंचकूला को प्रतिदिन 18 क्यूसिक पानी सप्लाई किया जाता है। यदि इस बार जलाश्य में पर्याप्त पानी इकट्ठा नहीं हुआ तो पंचकूला वासियों को अगली गर्मियों से पहले ही जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।