Edited By Deepender Thakur,Updated: 04 Jun, 2024 04:43 PM
क्या आप भी एक सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहते हैं लेकिन बढ़ते प्रीमियम की कीमतों को लेकर चिंतित हैं!
क्या आप भी एक सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहते हैं लेकिन बढ़ते प्रीमियम की कीमतों को लेकर चिंतित हैं! खैर, इसमें आप अकेले नहीं हैं? सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें आने वाले खर्च को समझना मुश्किल हो सकता है। निलेश अग्रवाल, बिजनेस हेड, फोनपेयस इंश्योरेंस ब्रोकिंग सर्विसेज ने कहा, भारत में सिर्फ़ 3 में से 1 व्यक्ति के पास ही हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज है, इसमें सरकारी और प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस दोनों शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का पेमेंट करना आपके OTT के मंथली सब्सक्रिप्शन या फिर किराने के सामान खरीदने जितना पैसा लगता है?
हेल्थ इंश्योरेंस; खर्च है या निवेश?
भारत में हेल्थ इंश्योरेंस को हमेशा फिजूल खर्च के रूप में देखा जाता है, न कि सुरक्षा की तरह। जहाँ भारत में औसतन प्रति व्यक्ति आय लगभग ₹16,000 प्रति माह है, वहीं हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम, जिसके साल भर के खर्चों को जोड़ा जाए, तो लगभग 30% (₹5,000 प्रीमियम मानते हुए) मासिक वेतन के बराबर हो जाता है, जिसका एक बार में पेमेंट करना मुश्किल होता है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट भी एक भयावह तस्वीर दिखाती है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि ऐसे खर्चों के कारण हर साल 55 मिलियन भारतीय गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं। यह स्थिति सुरक्षा की बढ़ती जरूरत को दर्शाती है और यूज़र को यह समझना चाहिए कि हेल्थ इंश्योरेंस अब कोई लक्ज़री नहीं बल्कि उनके आर्थिक भविष्य की सुरक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।
मासिक प्रीमियम प्लान किफायती होते हैं और यूज़र को उनकी स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
इंश्योरेंस प्रोडक्ट को सभी आय वर्गों के लिए आसान और किफायती बनाने की आवश्यकता को पहचानते हुए, फोनपे ने पहली बार इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट के लिए मासिक सब्सक्रिप्शन शुरू की है जिसमें ₹500 से ₹3000 प्रति माह के फ्लेक्सिबल पेमेंट विकल्प मिलते हैं। यह फीचर हेल्थ इंश्योरेंस को सलाना लंपसम पेमेंट के बोझ में पड़ने के बजाय हर महीने के घरेलू बिलों के पेमेंट जितना आसान बना देता है। यह आपकी जेब पर भी भार नहीं डालेगा, पेमेंट करने में सुविधाजनक है, और यह हमारी खास विचारधारा "इंश्योरेंस अपने तरीके से!" से भी पूरी तरह मिलता है।
मासिक प्रीमियम पेमेंट प्लान, खास तौर से आज के ज़माने के भारतीय उपभोक्ता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कैटेगरी में उपलब्ध विकल्पों को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। अंतिम-उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को समझने की वजह से ही यह नवीन विचार मिला। हर महीने छोटे-छोटे पेमेंट उनके लिए आर्थिक बोझ को कम करने में मदद करते हैं, साथ ही उन्हें एक्सटेंसिव इंश्योरेंस कवरेज का विकल्प चुनने के लिए सक्षम बनाते हैं, बिना आर्थिक स्थिति पर दबाव डाले। सही कवरेज चुनने में पारदर्शिता को एवरेज ट्रांजेक्शन साइज़ (ATS) में देखा जा सकता है, जहां ज़्यादा से ज़्यादा यूज़र कॉम्प्रिहेंसिव प्रोटेक्शन का विकल्प चुन रहे हैं। वास्तव में, इस लॉन्च के बाद से, फोनपे ने देखा है कि कई ग्राहक (खास तौर से पहली बार हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वाले) मासिक पेमेंट विकल्पों को चुनते हैं, खासकर टियर 2 शहरों और उससे आगे के क्षेत्रों से। साथ ही, वे ज़्यादा कवरेज और अधिक सुविधाओं का विकल्प भी चुन रहे हैं क्योंकि मासिक पेमेंट की सुविधा प्लान को ज़्यादा किफायती बना देती है।
आजकल मासिक किस्तों में इंश्योरेंस प्रीमियम जमा करने के कुछ विकल्प उपलब्ध हैं लेकिन ये सिर्फ लोन या क्रेडिट कार्ड के ज़रिए ही मिल पाते हैं। मगर, इनका उपयोग करने के लिए अच्छा क्रेडिट हिस्ट्री या क्रेडिट कार्ड होना ज़रूरी है। फोनपे पर, हमारी मासिक पेमेंट की सुविधा हेल्थ इंश्योरेंस को बेहतर और आसान बनाती है क्योंकि इसमें किसी भी तरह का अतिरिक्त कर्ज़ लेने या क्रेडिट चेक की ज़रूरत नहीं होती। इससे हेल्थ इंश्योरेंस सभी के लिए आसान और किफायती हो जाता है। इससे साफ पता चलता है कि किफायती और व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से मिलने वाला हेल्थ इंश्योरेंस आर्थिक असमानता को कम करने के साथ-साथ हर किसी को, चाहे उनकी आमदनी या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो, समान रूप से हेल्थ केयर सेवाओं का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाता है।
आखिरकार, यह समय है कि पूरी इंश्योरेंस इंडस्ट्री में ज़रूरी बदलाव किए जाएं ताकि इंश्योरेंस वाकई में सभी लोगों तक आसानी से पहुँच सके। यह अनिवार्य रूप से IRDAI के "2047 तक सभी के लिए इंश्योरेंस" के दृष्टिकोण के अनुसार होगा। इसलिए, ज़रूरी है कि उन सभी समस्याओं को दूर किया जाए जो लोगों को इंश्योरेंस लेने से रोकती हैं या उनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस को मुश्किल बना देती हैं। नई सोच और लोगों की खास ज़रूरतों के हिसाब से बने इंश्योरेंस प्रोडक्ट तथा ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए दिए गए समाधानों से भारत में इंश्योरेंस लेने वालों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी और इस तरह डिजिटल इंश्योरेंस सेक्टर में एक बड़ी क्रांति लाई जा सकती है। हमारा मानना है कि मासिक किस्तों वाला सब्सक्रिप्शन मॉडल, फोनपे के डिस्ट्रीब्यूटशन नेटवर्क, भरोसेमंद यूज़र बेस, ग्राहक की ज़रूरतों की समझ और आसान DIY प्रक्रियाओं जैसी खासियतें मिलकर देश में इंश्योरेंस को तेज़ी से अपनाने और उसके दायरे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।