Edited By Priyanka rana,Updated: 12 Feb, 2020 01:23 PM
पंजाब सरकार प्रदेश में स्मार्ट स्कूल बनाने के बेशक लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
डेराबस्सी(गुरप्रीत) : पंजाब सरकार प्रदेश में स्मार्ट स्कूल बनाने के बेशक लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। डेराबस्सी बस स्टैंड के नजदीक बने सरकारी स्कूल वैसे तो बाहर से चमकता हुआ दिखता है लेकिन इस स्कूल की अंदरूनी हालत बदतर है। डेराबस्सी में स्थित स्व. गुरनाम सिंह सैनी सरकारी सीनियर सैकेंडरी (सेल्फ मेड स्मार्ट स्कूल) के अंदरूनी हालात सरकारी दावों की हवा निकाल रहे हैं।
स्कूल का नाम बदल कर एक समाजसेवी व्यक्ति के नाम पर रखने के बावजूद स्कूल बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। स्कूल का नया लगा स्टील के मुख्य गेट से अंदर घुसते ही शिक्षा का अधिकार कानून-2009 के दीवार पर लिए नियमों के नजदीक लड़कों के लिए बना बाथरूम अपनी बदहाली पर इस कद्र रो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से शुरू किए तंदरुस्त पंजाब मिशन की चींखे निकल जाएं।
सैकड़ों बच्चों के लिए दो अलग जगह पर पीने वाले पानी के लिए लगी करीब दो दर्जन टूटियों में से एक का भी हैंडल सही नहीं। मिड-डे -मील के अंतर्गत दिया जाने वाला खाना आज भी मिट्टी के बने चूल्हों पर लकड़ी लगाकर बनाया जा रहा है।
स्कूल की नई इमारत के शीशे टूटे होने के कारण वहां पोलोथीन लगा काम चलाया जा रहा है। सुरक्षा के नाम पर छुट्टी के बाद मुख्य गेट पर ताला लगा दिया जाता है, लेकिन मुख्य सड़क वाली तरफ का दूसरा दरवाजा 24 घंटे खुला रहता है। स्कूल के एक हिस्से में पानी भर जाता है।
प्रिंसीपल का दफ्तर भी खस्ता :
स्कूल प्रिंसिपल के दफ्तर की हालत खस्ता होने के कारण पल्सतर टूट कर गिर रहा है। लोगों का कहना है कि यदि शहर के बड़े सरकारी स्कूल का यह हाल है तो गांवों में स्थित स्कूलों की क्या दशा होगी।
स्कूल प्रिंसिपल अलका मौंगा ने बताया कि स्कूल का बाहरी गेट एक कांग्रेसी नेता ने लगवाया है। स्कूल में अन्य खामियां पर उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने स्कूल में आकर बात करने की बात कहते हुए फोन काट दिया।