इशिता विश्वकर्मा से हनुमान चालीसा का संगीतमय पाठ करवा कर किया रीलिज

Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Sep, 2024 01:10 PM

shree bajrang sena awakening the flame of hindutva and patriotism

हितेश विश्कर्मा ने बताया कि नई पीढी हो या हमारे बडे़ बुजुर्ग सभी लोग संगीत से जोडे़ जा सकते हैं.

लंका जाने के लिए जो पुल का निर्माण भगवान राम ने किया उसमें सभी ने अपनी अपनी क्षमता तथा श्रद्धा से योगदान दिया, जिसमें एक गिलहरी भी थी. इसी प्रकार का योगदान सुरत की श्री बजरंग सेना संगीत लेबल के माध्यम से दे रही है, इस कड़ी में देश की जानी-मानी गायिका इशिता विश्वकर्मा से हनुमान चालीसा का संगीतमय पाठ करवा कर रीलिज भी कर दिया गया है.  

इस बारें में बात करे हुए श्री बजरंग सेना के अध्यक्ष हितेश विश्कर्मा ने बताया कि नई पीढी हो या हमारे बडे़ बुजुर्ग सभी लोग संगीत से जोडे़ जा सकते हैं. हमारी संस्कृति में संगीत माता सरस्वती का रूप है. हम हिन्दुत्व तथा राष्ट्रभक्ति की अलख जगाने के लिए माता सरस्वती का आशीर्वाद ले रहे हैं. इस कड़ी में हमने माता सरस्वती की रूप ऐसी देश की जानी माती गायिका इशिता विश्वकर्मा से ही हनुमान चालीसा का पाठ करवाया जो पूरे देश लाखों भक्तों तथा हमारे कार्यकर्ताओ द्वारा सुना व सराहा जा रहा है. 

हम भविष्य में भी ऐसे ही लेबल्स के साथ संगीत के माध्यम से हिन्दुत्व, देशभक्ति तथा हमारी संस्कृति के उत्थान के लिए काम करे रहेंगें. 

हितेश विश्वकर्मा (जन्म: 23 जुलाई 1985) का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भगवान गौत्तम बुद्ध इंटर कॉलेज से प्राप्त की। हितेश विश्वकर्मा ने हिन्दु समाज के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान किए हैं। 16 से 20 मई 2017 तक उन्होंने दिल्ली के जंतर मंतर में राम मंदिर के निर्माण के लिए अनशन किया और 21 मई को अयोध्या पहुंचकर भूमि पूजन में भाग लिया, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना थी।

वह केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को समाज के लोगों तक पहुंचाने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। उनके द्वारा राशन कार्ड, महा कार्ड जैसी योजनाओं का प्रचार और वितरण किया गया है, जिससे जरूरतमंद लोगों को सहायता प्राप्त हुई है। इसके अलावा, उन्होंने आरटीई (Right to Education) के तहत गरीब बच्चों की स्कूल की फीस माफ कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हितेश विश्वकर्मा पिछले चार वर्षों से समाज सेवा के विभिन्न पहलुओं में सक्रिय हैं और यह सेवा जारी रखने की उनकी प्रतिबद्धता दर्शाती है। वह समय-समय पर आश्रमों में जाकर भी सेवा कार्य करते हैं, जिससे समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को सहायता मिलती है। उनका जीवन और कार्य समाज के विकास और उत्थान में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

श्री बजरंग सेना का स्थापना दिवस 6 अप्रैल 2019 है। यह संस्था भारतीय संस्कृति, धर्म, और राष्ट्र की रक्षा के लिए समर्पित है। श्री बजरंग सेना का प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रियता बनाए रखना है:

-धर्म रक्षा और धर्म प्रचार: भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा करना और उसके प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत रहना।
राष्ट्र रक्षा: देश की सुरक्षा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास करना।
गौ रक्षा: गौमाता की सुरक्षा और संरक्षण के लिए गोशाला का निर्माण और संचालन करना।
साधु-संतों और मठ-मंदिरों की रक्षा: धार्मिक संतों, साधुओं और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार: समग्र विश्व में भारतीय संस्कृति की अलख जगाना और उसके प्रति जागरूकता फैलाना।
हिन्दुत्व का प्रचार-प्रसार: भारत के गांव-गांव तक हिन्दुत्व का प्रचार करना और धर्म सभाओं के माध्यम से जन जागृति करना।
जातिवाद और सम्प्रदायवाद का विरोध: जातिवाद और सम्प्रदायवाद को छोड़कर धर्म को मजबूती प्रदान करना।
गौशाला और संस्कृत पाठशाला का निर्माण: गौशाला का निर्माण करना और उसके योग्य प्रबंधन के साथ-साथ संस्कृत पाठशाला और स्कूलों की स्थापना और संचालन करना।
धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन: समय-समय पर धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को सक्रिय रखना और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखना।
श्री बजरंग सेना की गतिविधियाँ भारतीय संस्कृति और धर्म की संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और समाज में एकता और जागरूकता को बढ़ावा देती हैं।

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