अपने मोटर कवरेज को समझें -भारत में व्यापक मोटर इंश्योरेंस का आपका गाइड

Edited By Diksha Raghuwanshi,Updated: 12 Nov, 2024 03:37 PM

your guide to comprehensive motor insurance in india

इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में 15.8 करोड़ से अधिक टू-व्हीलर वाहन और 3.8 मिलियन कारें बेची गईं, जिससे भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टू-व्हीलर वाहन बाजार बन गया है।

चंडीगढ़। भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है।  इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में 15.8 करोड़ से अधिक टू-व्हीलर वाहन और 3.8 मिलियन कारें बेची गईं, जिससे भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टू-व्हीलर वाहन बाजार बन गया है। इस अद्वितीय विकास के बावजूद, भारतीय सड़कों पर आधे से अधिक वाहन अभी भी इंश्योर्ड नहीं हैं। मोटर इंश्योरेंस का यह कम प्रसार न केवल व्यक्तिगत वाहन मालिकों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए भी जोखिम का कारण बनता है।

वाहन मालिक इंश्योरेंस से कतराते क्यों हैं?
भारत में कई वाहन मालिकों को व्यापक मोटर इंश्योरेंस एक अतिरिक्त खर्च की तरह लगता है। वे कानून द्वारा आवश्यक न्यूनतम कवरेज यानी थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस को चुनते हैं, क्योंकि यह सबसे सस्ता विकल्प होता है। यह भले ही ट्रैफिक नियमों का पालन करने में मदद करता है, लेकिन इस सीमित कवरेज के कारण वाहन मालिक दुर्घटनाओं, चोरी या अन्य नुकसान से होने वाले आर्थिक बोझ से असुरक्षित रहते हैं।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यह अपर्याप्त इंश्योरेंस कवरेज का ट्रेंड व्यापक है, जिसमें 50% से अधिक वाहन उचित इंश्योरेंस कवरेज से वंचित हैं। इसके परिणाम केवल व्यक्तिगत आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं हैं — इसका समाज पर भी गहरा असर पड़ता है।

अपर्याप्त इंश्योरेंस के वित्तीय प्रभाव
जो वाहन मालिक व्यापक इंश्योरेंस से बचते हैं, उन्हें लगता है कि वे पैसे बचा रहे हैं, लेकिन असल में वे कहीं अधिक आर्थिक जोखिम मोल ले रहे हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाएं आम हैं, और बिना इंश्योरेंस वाले वाहन की मरम्मत या बदलने का खर्च भारी पड़ सकता है। इंश्योरेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में ही इंश्योरेंस कंपनियों ने ₹19,464 करोड़ की 'ओन-डैमेज' (OD) दावों का भुगतान किया, जिसमें टू-व्हीलर वाहनों के लिए औसत पेआउट ₹6,000 और कारों के लिए ₹25,633 था। इंश्योरेंस न होने पर, ये सभी खर्च पूरी तरह से वाहन मालिक पर ही आ जाते हैं।

वाहन चोरी भी एक गंभीर समस्या है, जिसमें वित्तीय वर्ष 18-19 और 19-20 में 1 लाख से अधिक चोरी के दावे दर्ज किए गए। जिन वाहन मालिकों के वाहन का इश्योरेंस नहीं होता और जो चोरी का शिकार हो जाते हैं, वे गंभीर आर्थिक संकट का सामना करते हैं।

स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव
आर्थिक नुकसान के अलावा, बिना इंश्योरेंस वाले दुर्घटनाओं से गंभीर स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2022 में 4.5 लाख सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें घायलों को अस्पताल में औसतन लगभग 9 दिनों तक रहना पड़ा। जिन परिवारों के पास इंश्योरेंस नहीं होता, उनके लिए ये चिकित्सा खर्च एक भारी बोझ बन जाते हैं। विशेषकर बुजुर्ग पीड़ितों के मामलों में, यह खर्च ₹57,663 तक हो सकता है, जो उन्हें और उनके परिवारों को गंभीर आर्थिक संकट में डाल सकता है।

बिना इंश्योरेंस वाली दुर्घटनाओं का असर केवल प्रभावित व्यक्तियों तक सीमित नहीं रहता; यह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक संसाधनों पर भी दबाव डालता है।

जागरूकता बढ़ाने में विचारशील नेताओं की भूमिका
विचारशील नेता भारत में मोटर इंश्योरेंस की कम पहुँच की समस्या को दूर करने में सार्वजनिक धारणा पर प्रभाव डाल सकते हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। अपने प्लैटफ़ॉर्म्स का उपयोग कर, वे इस गलत धारणा को दूर कर सकते हैं कि व्यापक इंश्योरेंस एक अनावश्यक खर्च है, और इसके महत्व को उजागर कर सकते हैं, खासकर भारत जैसे उच्च जोखिम वाले वातावरण में, जहाँ यह दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, वे इंश्योरर्स, नीति निर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं ताकि ऐसी नीतियों को प्रोत्साहित किया जा सके जो व्यापक कवरेज को अपनाने में वृद्धि करें। उनकी सिफारिश मोटर इंश्योरेंस को एक व्यक्तिगत खर्च के बजाय एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में प्रस्तुत करने में मदद कर सकती है, जो न केवल व्यक्तियों बल्कि व्यापक समुदाय की भी सुरक्षा करती है।

फ़ोनपे में, हम उन प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित हैं, जो वाहन मालिकों को उचित इंश्योरेंस कवरेज प्राप्त करने से रोकती हैं। हमारी विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

17+ प्रमुख इंश्योरर्स के साथ साझेदारी: हम इंडस्ट्री की सबसे भरोसेमंद इंश्योरेंस कंपनियों के साथ सहयोग करते हैं, जिससे हमारे यूजर्स को व्यापक कवरेज विकल्प मिलते हैं, बिना किसी छिपे हुए शर्तों या छोटे अक्षरों में लिखे प्रावधानों के।

10,500+ नेटवर्क गैरेजों में कैशलेस क्लेम: फ़ोनपे अपने यूजर्स को भारत भर में 10,500 से अधिक नेटवर्क गैरेजों में कैशलेस मरम्मत की सुविधा प्रदान करके, मानसिक शांति सुनिश्चित करता है। इस विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से, आप बिना अग्रिम भुगतान के अपने वाहन की मरम्मत करवा सकते हैं, जिससे क्लेम प्रक्रिया सरल हो जाती है और आर्थिक तनाव कम होता है। बस किसी भी पार्टनर गैरेज में जाएँ, और मरम्मत का सारा काम सीधे गैराज और आपके इंश्योरर्स के बीच पूरा कर लिया जाएगा—बिना किसी झंझट के!

एक पारदर्शी आवेदन प्रक्रिया: हमारा प्लैटफ़ॉर्म पारदर्शिता पर आधारित है, जिससे यूजर्स अपनी इंश्योरेंस पॉलिसियों को पूरी तरह से समझ सकें। इसमें कोई छिपी हुई शर्तें या भ्रमित करने वाले शब्द नहीं हैं—सबकुछ स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है।

एक सहज डिजिटल अनुभव: हमने इंश्योरेंस खरीदना पहले से कहीं अधिक आसान बना दिया है। फ़ोनपे के यूजर्स-अनुकूल डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म के माध्यम से, वाहन मालिक कुछ ही क्लिक में, इंश्योरेंस पॉलिसियों को देख, तुलना और खरीद सकते हैं। कागजी कार्यवाही, व्यक्तिगत दौरे या जटिल फ़ॉर्म भरने की कोई ज़रूरत नहीं। सबकुछ ऑनलाइन है, जिससे समय की बचत होती है और प्रक्रिया सरल हो जाती है।

एक सहज डिजिटल अनुभव प्रदान करके, हम उन जटिलताओं और बाधाओं को दूर करते हैं जो अक्सर वाहन मालिकों को पर्याप्त इंश्योरेंस कवरेज लेने से रोकती हैं। अब यूजर्स अपने स्मार्टफ़ोन की सुविधा से विभिन्न योजनाएँ चुन सकते हैं, ताकि उन्हें अपनी जरूरतों के हिसाब से सबसे उपयुक्त योजना मिल सके।

भविष्य की ओर बढ़ते कदम: व्यापक कवरेज को बढ़ावा

भारत में मोटर इंश्योरेंस का कम प्रसार केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है—यह एक सामाजिक मुद्दा है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की लागत, बहुत अधिक है, चाहे वह आर्थिक हो या स्वास्थ्य से जुड़ी, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वाहन स्वामित्व में वृद्धि के साथ, व्यापक इंश्योरेंस कवरेज की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है।

फ़ोनपे में, हम इंश्योरेंस प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी, सुलभ और यूजर्स के अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसा करके, हमारा लक्ष्य व्यापक मोटर इंश्योरेंस को अपनाने को बढ़ावा देना है, जिससे वाहन मालिकों और समाज को समग्र रूप से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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