Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Mar, 2025 12:14 PM

हाल ही में चीन ने चार कनाडाई नागरिकों को मौत की सजा दे दी, जिससे कनाडा में गुस्से और विरोध का माहौल उत्पन्न हो गया है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस फैसले के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन...
इंटरनेशनल डेस्क: हाल ही में चीन ने चार कनाडाई नागरिकों को मौत की सजा दे दी, जिससे कनाडा में गुस्से और विरोध का माहौल उत्पन्न हो गया है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस फैसले के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अफसोस की बात है कि उनका विरोध सफल नहीं हो सका। इसके बाद, कनाडा की सरकार अब अन्य लोगों की जान बचाने के लिए संघर्ष कर रही है, जो चीन में मौत की सजा का सामना कर रहे हैं।
चीन ने दिया कड़ा जवाब
चीन के अधिकारियों ने कनाडा से यह कहते हुए कहा कि वह "कानून के शासन का सम्मान करे" और इस मामले में हस्तक्षेप करना बंद करे। चीन की यह प्रतिक्रिया कनाडा के लिए एक तगड़ा झटका साबित हुई है। इसके बाद, कनाडा ने चीन की इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की और इसे "मानवीय गरिमा के खिलाफ" बताया। कनाडा की सरकार का कहना है कि फांसी की सजा देना किसी भी तरह से मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है और इससे किसी भी देश को बचना चाहिए।
चीन में दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी जाती है। खासकर नशीली दवाओं के अपराधों में शामिल होने के कारण चीन में सजा-ए-मौत दी जाती है। लेकिन, पश्चिमी देशों के नागरिकों को आम तौर पर इस तरह की सजा नहीं मिलती है, और इस मामले में यह पहला उदाहरण नहीं है जब कनाडाई नागरिकों को मौत की सजा दी गई हो।
कनाडा के संघर्ष के बाद क्या होगा?
कनाडा की सरकार ने अब मौत की सजा पाने वाले अन्य नागरिकों के लिए संघर्ष शुरू किया है। विदेश मंत्री मेलानी जोली और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि वह चीन के खिलाफ इस मुद्दे को वैश्विक मंच पर उठाएंगे और लोगों को इस जुल्म के खिलाफ जागरूक करेंगे। हालांकि, बीजिंग में इस मुद्दे पर कोई बातचीत करने को तैयार नहीं है और उसने कहा है कि कनाडा को इस मामले में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए।