Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Dec, 2024 01:26 PM
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुमित्रा दत्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति के साथ ब्रांड इंडिया की छवि में काफी सुधार हुआ है। अब भारत को एक निवेश के हॉटस्पॉट के रूप में देखा जा रहा है।
नई दिल्लीः ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुमित्रा दत्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति के साथ ब्रांड इंडिया की छवि में काफी सुधार हुआ है। अब भारत को एक निवेश के हॉटस्पॉट के रूप में देखा जा रहा है।
भारत के युवाओं के लिए एक बड़ा लाभ
दत्ता, जो सैड बिजनेस स्कूल, ऑक्सफोर्ड में डीन और प्रोफेसर हैं, ने कहा कि जब वह भारत के युवाओं से बात करते हैं, तो वह उन्हें बताते हैं कि आज भारत का ब्रांड एक बड़ा लाभ है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि 30 साल पहले जब उन्होंने विदेश में पढ़ाई की थी, तब भारत का ब्रांड बहुत अलग था।
भारत को वैश्विक मंच पर एक खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है
प्रोफेसर दत्ता ने कहा कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में पहचाना जा रहा है, और इसे "अवसरों की भूमि" के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही, भारत को दुनिया की प्रगति में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में मान्यता मिल रही है।
PRAGATI प्रणाली की सफलता
उन्होंने PRAGATI प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रणाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तेजी से समाधान में सफलता प्राप्त कर रही है, और यह वैश्विक दक्षिण के लिए एक उपयोगी उदाहरण प्रस्तुत करती है। दत्ता के अनुसार, अन्य देशों को भी इन परियोजनाओं को बेहतर, प्रभावी और तेज़ी से पूरा करने के लिए भारत से कुछ सीखने की जरूरत है।
भारत का योगदान और नेतृत्व
दत्ता ने कहा कि भारत अब न केवल अपने विकास के लिए काम कर रहा है, बल्कि वह अन्य देशों की मदद भी कर रहा है। PRAGATI जैसे उदाहरण भारत को अपने नेतृत्व और अच्छे अभ्यास को दुनिया के सामने पेश करने का अवसर देते हैं।
भारत की प्रगति और जागरूकता में वृद्धि
प्रोफेसर दत्ता ने यह भी बताया कि भारतीयों की विदेशों में सफलता ने भारत के प्रति उत्सुकता को बढ़ाया है, और अब भारत की प्रगति के बारे में लोग ज्यादा जागरूक हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर PRAGATI और भारत के डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI) जैसे कार्यक्रमों के बारे में अभी भी बहुत कम जानकारी है।